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मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

942.....धड़कनो से भी इबादत में खलल पड़ता हैं

सादर अभिवादन..
संशय है....
महाशिवरात्रि आज है कि कल
हिन्दुस्तान टाईम्स कहता है
महाशिवरात्रि पर्व इस बार दो दिन 13 व 14 फरवरी को होगा। 
दो दिनों में व्रत किस दिन किया जाए इसे लेकर श्रद्धालु असमंजस 
में हैं। ज्योतिषियों के अनुसार 13 फरवरी को प्रदोष के साथ 
मध्य रात्रि में चतुर्दशी भी है। ऐसे में 13 फरवरी को व्रत रखना 
अधिक फलदायक होगा।फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 
को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। 13 फरवरी मंगलवार 
को रात 10:22 बजे के बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी जो 
अगले दिन 14 फरवरी की रात 12:17 बजे तक रहेगी।
हिमांचल में सुबह से बर्फ गिर रही है...
आज हमारे साथ चलिए.....


वहाँ न तो दिन होता है
न रात होती है,
न जश्न होता है
न बारात होती है..
प्रेम की गोदावरी
जहाँ बहती रहती है;

पार्क की बेंच पर बैठकर 
बातें करते हो मुझसे,
अपने स्कूल की कहानियाँ सुनाते हो,
मै मुस्कुराता हूँ तुम्हारी खुशी पर,
ललचाता हूँ

मैंने रिश्तों को बदलते देखा है
मजबूरी से नहीं,
जरुरतों के अनुरूप ढ़लते देखा है
मैंने रिश्तों को बदलते देखा है।

कुछ रिश्ते ताउम्र याद रह जाते हैं
बिन बाँधे ही हमसे जुड़ जाते हैं

कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं
जो ज़िगर में अटके रह जाते हैं

छल, कपट, पाखंड का कुछ झूठे आभासों का है 
सारा जीवन चन्द चालों और कुछ पासों का है 

ये मोहब्बत के तकाज़े दोस्ती रिश्तों की डोर 
वहम है सारा फ़क़त, ये खेल विश्वासों का है 

तैरती इक लाश को देखा तो दिल ने ये कहा 
आदमी का कुछ नहीं बस बोझ तो साँसों का है 

क्या औरत 
मर्द का तराशा हुआ 
बुत है ? 
जिसे वो तराशता है 
चमकाता है 
अपनी मर्ज़ी से 
नुमाइश करता है 
.......
चलिए अब बारी है हम-क़दम के 
छठवें क़दम की ओर
हम-क़दम 
सभी के लिए एक खुला मंच
आपका हम-क़दम छठवें क़दम की ओर
इस सप्ताह का विषय है
:::: खलल ::::
उदाहरणः
रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं 
चाँद पागल हैं अंधेरे में निकल पड़ता हैं 

मैं समंदर हूँ कुल्हाड़ी से नहीं कट सकता
कोई फव्वारा नही हूँ जो उबल पड़ता हैं 

कल वहाँ चाँद उगा करते थे हर आहट पर
अपने रास्ते में जो वीरान महल पड़ता हैं 

ना त-आरूफ़ ना त-अल्लुक हैं मगर दिल अक्सर
नाम सुनता हैं तुम्हारा तो उछल पड़ता हैं 

उसकी याद आई हैं साँसों ज़रा धीरे चलो
धड़कनो से भी इबादत में खलल पड़ता हैं
-राहत इंदौरी

आप अपनी रचना शनिवार 17  फरवरी 2018  
शाम 5 बजे तक भेज सकते हैं। चुनी गयी श्रेष्ठ रचनाऐं आगामी सोमवारीय अंक 19 फरवरी 2018  को प्रकाशित की जाएगी । 
इस विषय पर सम्पूर्ण जानकारी हेतु हमारे पिछले गुरुवारीय अंक 
11 जनवरी 2018  का अवलोकन करें


आज बस करते हैं
इज़ाज़त दें यशोदा को


8 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात दी,
    सच में बहुत असमंजस की स्थिति है सही तिथि को लेकर, समसामयिक भूमिका के साथ बहुत सुंदर रचनाओं का संयोजंन है दी। बहुत सुंदर आज का अंक।
    'खलल'पर लिखना चुनौतीपूर्ण होगा :)

    जवाब देंहटाएं
  2. सस्नेहाशीष संग शिवरात्रि की शुभकामनाएं
    उम्दा प्रस्तुतीकरण के संग सुंदर शब्द

    जवाब देंहटाएं
  3. समसमायिक भूमिका के साथ सुंदर संकलन..
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर समसामयिक प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन....

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंंदर रचनाओं का संयोजन । महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर संकलन ! नया विषय पा गए हैं सब लोग... अब अगले कुछ दिनों दिमाग को खरल करके....खलबत्ते में कूट-काटकर खलल की खिचड़ी पकेगी....औरों का तो पता नहीं,मेरी तो पकेगी...क्या बनेगा ना जाने !
    सादर.....

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर सूत्र संयोजन सुन्दर संकलन।

    जवाब देंहटाएं

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