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गुरुवार, 12 जनवरी 2017

545...राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं...


जय मां हाटेशवरी...
आज 12 जनवरी है...

हर वर्ष 12 जनवरी को भारत में पूरे उत्साह और खुशी के साथ राष्ट्रीय युवा दिवस (युवा दिवस या स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस) मनाया जाता है। इसे आधुनिक भारत के
निर्माता स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को याद करने के लिये मनाया जाता है। राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को मनाने के लिये
वर्ष 1984 में भारतीय सरकार द्वारा इसे पहली बार घोषित किया गया था। तब से (1985), पूरे देश भर में राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में इसे मनाने की शुरुआत हुई।



असफलता पै नसीहतें नश्तर सा लगता है
स्याह गुजरता पल शैल-संस्तर सा लगता है
बढ़ाता आस तारीफ पुलिंदा अग्नि-प्रस्तर सा
जन्म लेता अवसाद दिवसांतर सा लगता है
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जैसे ही वो नौकरी के लिए बोलने का प्रयत्न करते उनके मुंह से देश सेवा और सद्बुद्धि प्राप्त करने की बात ही निकलती |अंत में वे परमहंस के पास आये सारी घटना
उनको बताई तब परमहंस बोले तुम्हारा जन्म एक ऊँचे उद्देश्य की प्राप्ति के लिए हुआ| परमहंस ने उन्हें अपना शिष्य बना लिया और उनके सान्निध्य में रहकर नरेंद्र
ने आध्यात्म के कई सोपान पार किये एवं उनकी सूक्ष्म उपस्थिति आज भी हमारा मार्ग दर्शन कर रही है| स्वामी विवेकानंद हम युवाओं के लिए एक कुछ महत्वपूर्ण काम छोडकर
गये है | उन्हें गये हुए एक शताब्दी से ज्यादा समय हो गया लेकिन उनका काम अभी भी अधूरा है जिसे हमने पूरा करना है और वो कार्य क्या है की हम जहां है जैसे है
कुछ श्रेष्ठ कार्य करें, समाज और राष्ट्र का उत्थान हो ऐसा कार्य करें | स्वामी जी ने अपने जीवन काल में जब की देश गुलाम था और समाज में अस्पृश्यता, जातिवाद,
अन्धविश्वास, जैसी कुरीतियाँ व्याप्त थी और राजे रजवाड़े मार काट में लगे हुए थे उस समय विवेकानंद ने कहा था मैं अपनी आँखों से देख रहा हूँ के भारत वर्ष फिर
से विश्वगुरु के पद पर आसीन होने जा रहा है उनकी अंतर दृष्टि कितनी सूक्ष्म रही होगी|
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प्रख्यात अमेरिकी लेखक डैन ब्राउन का उपन्यास Deception Point भी इसी तरह की वैज्ञानिक धोखाधड़ी से संबंधितहै.उनका कथानक नासा की पृष्ठभूमि में है.अमेरिका में
राष्ट्रपति के चुनाव होने वाले हैं और नासा के लगातार विफल मिशन के कारण उसके बजट में भरी कटौती कर दी जाती है.निवर्तमान राष्ट्रपति नासा के समर्थक हैं जबकि
चुनाव  में उनके प्रतिद्वंदी नासा के भारी-भरकम बजट के आलोचक  हैं और लोगों के सामने इसकी विफलताओं को पेश करते रहे हैं.
नासा के वैज्ञानिक नासा और निवर्तमान राष्टपति की गिरते साख को बचाने के लिए एंटार्कटिका में बर्फ के कई फीट नीचे एक रहस्मय चट्टान के मिलने का दावा करते हैं
जो एक करोड़ वर्ष पुरानी और दूसरे ग्रह से आई प्रतीत होती है.नासा के वैज्ञानिकों की साख फिर से बढ़ जाती है और दुनियां भर के तमाम वैज्ञानिक इसकी जांच-पड़ताल
में जुट जाते हैं.जांच में कई नए तथ्य मिलते हैं जो बताते हैं की यह चट्टान मानव निर्मित है और इसे प्रयोगशाला में बनाकर एंटार्कटिका में बर्फ में ड्रिल कर
काफी नीचे दबा दिया गया था.
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आखिर किताबों की तब्दील से हुई विद्या से गहरी पहचान 
विद्या की वृद्धि के आकर्षण से दिलोदिमाग में छा गई इम्तिहान  ...
अध्ययन, तर्क-वितर्क, कद्र किए संपादक बना हैं दिमाग
कमाई की सबब बनी किताब, बना जीवन प्रज्वलि‍त चिराग
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भारतीय राजनीतिक इतिहास के क्षितिज पर 2 अक्टूबर 1904 ई० को वाराणसी के मुगलसराय में पिता शारदा प्रसाद श्रीवास्तव एवं माता रामदुलारी देवी के घर सादगी, सौम्यता,ईमानदारी
और कर्तव्यपराणयता की प्रतिमूर्ति भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म हुआ था।असहयोग आन्दोलन में जेल यात्रा के साथ स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन में उनकी
सक्रिय भागीदारी की शुरुआत हुई।भारत की आजादी की लड़ाई में 1930 ई० से 1945 ई० के बीच शास्त्री जी ने लगभग 9 वर्ष जेल में व्यतीत किए।स्वतंत्रता प्राप्ति के
पश्यात उ० प्र० के प्रथम मुख्यमंत्री पंड़ित गोविन्द बल्लभ पंत के मंत्रिमंडल में पहली बार शास्त्री जी ने उ० प्र० के गृहमंत्री के रूप में अपनी प्रशासनिक पहचान
बनाई।1951 ई० में शास्त्री जी अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव चुने गये।शास्त्री जी के कुशल नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने पहला आम चुनाव लड़ा
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1.
गाते हो गीत क्यूँ, दिल पे क्यूँ हाथ है
खोए हो किस लिये, ऐसी क्या बात है
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
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कोई इक बात नहीं जो मुझसे दूर हुआ हो अब तक
मंजिल दूर बहुत है लेकिन फासलें कम नजर आये




धन्यवाद।


9 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभाद भाई कुलदीप जी
    आज की बेहतरीन प्रस्तुति
    अच्छा चयन
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. एक निवेदन
    इस सूत्र में कुछ त्रुटि है
    यदि किसी से खुल जाए तो कृपया लिंक पेषित करें
    ...
    गाते हो गीत क्यूँ, दिल पे क्यूँ हाथ है
    खोए हो किस लिये, ऐसी क्या बात है
    ये हाल कब से तुम्हारा हो गया
    आँखों ही आँखों में इशारा हो गया

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. शुभप्रभात आप सभी को...
      सर्वप्रथम क्षमा करें...

      मैंने ही HTML code गलत type कर दिया था। अब सुधार कर दिया गया है....
      आभार आप सभी का....

      हटाएं
    2. आभार कुलदीप जी मेरे गीत-आँखों ही आँखों में ..का लिंक आपने अपनी चर्चा में सम्मिलित किया.

      हटाएं
    3. यशोदा जी ...लिंक यह है -https://merekuchhgeet.blogspot.ae/2017/01/blog-post_11.html

      हटाएं
  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति.
    मुझे भी शामिल करने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं

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