मनाते भी हैं और हम आज खाते भी हैं
आखरी सलाम
विभा रानी श्रीवास्तव
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
शुभ प्रभात मेरी बड़ी दीदी
जवाब देंहटाएंसादर नमन
भटे का भरता
तिल की पापड़ी
खिचड़ी
और पतंग
गहरा नाता है इन तीनों मैं
सादर
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम
मकर संक्रांति की हार्दिक बधाई ।
सुन्दर मकर संक्रान्ति प्र्स्तुति। पर्व की सभी को शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर मकर संक्रान्ति युक्त हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!
आदरणीय आरती शुभ दोपहर बहुत सुंदर मकर संक्रांति पर सुंदर प्रस्तुति आभार आपका
जवाब देंहटाएंHappy Valentines Day Quotes
जवाब देंहटाएंVery Nice Collection
" ओ काले मेघ खुलकर बरस जा ......
जवाब देंहटाएंतेरे अपनों पर थोडा तो तरस खा
सभी तेरे न बरसने से परेशान है .....
इस बात से अन्नदाता भी हैरान है ....
किसानो की जमीन दुसरो के कब्जे में है ....
इस बात से ना जाने कितने परिवार सदमे में है ....
कोमल से हाथो वाली बिटिया रानी
हस्ते खेलते हुई अब सायानी है ...
तेरा बरसना सभी के लिए वरदान है .....
तुझपे ही आश्रित ना जाने कितने बागबान है ....
प्यासी - पथराई आँखे आस लगाये है ....
दिल में उम्मीदों के दिए जलाये है ....
बस अब तु यू ना सता
काले मेघ खुलकर बरस जा .....