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शुक्रवार, 20 जनवरी 2017

552..उलटी हो गई सब तदबीरें

सादर अभिवादन
कोई किसी से कह रहा था
कोई किसी से सुन रहा था
कोई सिर्फ देख ही रहा था कि रो पड़ा
एक कंजूस ने अपनी उदास अर्धांगिनी से पूछा
उनकी भाषा में कुछ यूँ है...
सूम कहे सूमिन से
काहे बदन मलीन
का गाँठि से गिर गयो कि 
का काहू को दीन
तब सूमिन ने कहा...
ना गाँठि से कुछ गिरौ
ना काहू को दीन
देवत देखियों और को
ताते बदन मलीन....
देवी जी थोड़ा असहज है....
चलिए चलें....

पहली बार..
तुलसी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य...सत्येन श्रीवास्तव
आपने शायद कभी इस बात पर ध्यान दिया होगा कि जब भी आपके घर या परिवार पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो उसका असर सबसे पहले आपके घर में स्थित तुलसी के पौधे पर होता है आप उस पौधे का कितना भी ध्यान रखें लेकिन तुलसी का पौधा धीरे-धीरे सूखने लगता है

नारी तू सिर्फ स्वयं से हारी है..... मालती मिश्रा
बाँध पट्टी आँखों पर 
गाँधारी बचा लेती 
अपने शत पुत्रों का जीवन,
गाँधारी बन जाना ही
अगर समाधान होता 
हर समस्या का
तो न रचा जाता कोई
लाक्षागृह
न रचना होती चक्रव्यूह की



निगाहें उसकी
तरस गईं
तेरी एक झलक
पाने को
दरवाजा तक
खुल गया है
वीराने में
बहार आजाने को

जनवरी का महीना हो और गुड़ और तिल खाने का मन न करे, ऐसा कैसे संभव है. आइये आपको बताते हैं कि बिना स्टोव के, झटपट तिल चिट्टी कैसे बनती है. 

इस कड़ाके की सर्दी में,
वो इकठ्ठा परिवार ढूंढता हूं।
दादा दादी की कहानियां,
चाचा-चाची का प्यार ढूंढता हूं...
खेलते थे अनेकों खेल,
लगता था झमघट बच्चों का,
मोबाइल, टीवी के शोर में,
बच्चों का संसार ढूंढता हूं...

कौन लिखवा रहा है शेरो शायरी मुझसे
भीतर मेरे ये कौन शायर आ बैठा है ?
शेरो शायरी का शऊर नही मुझको  
जज़्बात बस शेरों में ढल जाते हैं

गुड़िया घर में खेलते हुए, 
स्कूल से कॉलेज तक सपने सजाते हुए 
एक लड़की "माँ" बन जाती है 
इत्मीनान से अपना बचपन फिर आँखों में भरती है 

उलटी हो गई सब तदबीरें, कुछ न दवा ने काम किया
देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया

अह्द-ए-जवानी रो-रो काटा, पीरी में लीं आँखें मूँद
यानि रात बहुत थे जागे सुबह हुई आराम किया

आज्ञा दें दिग्विजय को
फिर मिलते हैं न....









5 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    रचनाए अचछी चुनी आपने
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात गजब का चैन है सर आपका आनंद आ गया

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ प्रभात
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

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