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सोमवार, 7 नवंबर 2016

479..किसी के पढ़ने या समझने के लिये नहीं होता है लक्ष्मण के प्रश्न का जवाब होता है बस राम ही कहीं नहीं होता है

सादर अभिवादन
पिछले वर्ष आज धनतेरस था
इस वर्ष दीपावली मन चुकी है...

चलिए चलें आज की चयनित रचनाओं की ओर....


हुजुर ! यहाँ तो एक ही व्यक्ति सक्षम है जो इस शेर से निहत्था लड़ सकता है| 
वो है दलथंभन के विरुद से विभूषित खण्डेला के राजा द्वारकादास|
राजा द्वारकादास नरसिंह अवतार के उपासक थे अत: उन्हें अपने ईष्ट पर भरोसा था कि 
सिंह उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता| अत: उन्होंने स्नान-पूजा कर पीतल के एक थाल में पूजा की सामग्री लेकर उसे भगवान का अवतार नरसिंह समझकर पूजा हेतु आगे बढे और सिंह (शेर) के पास गए| उनके सिंह के पास पहुँचते ही वहां उपस्थित सभी दरबारियों व सैनिकों ने बादशाह के साथ एक चमत्कार देखा कि- खण्डेला प्रमुख राजा द्वारकादास सिंह के कपाल पर तिलक रहे है| तिलक के बाद सिंह के गले में माला पहना रहे है और सिंह ने बड़ी विनम्रता के साथ उनके सामने खड़े रहकर तिलक लगवाया और माला पहनी| यही नहीं इसके बाद सिंह नम्रता से राजा की ओर बढ़ा और राजा का मुख चाटने लगा|


जिंदगी की तलाश में
वह बैठा रहता है
शहंशाही अंदाज़ लिए 
कूड़े के ढेर पर,
नाक पर रूमाल रखे

मेरी फ़ोटो
बापू मुझे बस कवि बना दे
तोड़ मोड़ जोडू क़ायदा सीखा दे

अनभिज्ञ जहान से बचपन था
देख लेख लिखने को मन था



आगाज तो होता है...  मीनाकुमारी
आगाज तो होता है अंजाम नहीं होता
जब मेरी कहानी में वह नाम नहीं होता

जब जुल्फ की कालिख में गुम जाए कोई राही
बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं होता


एक साल पहले....


और मुझे राम से
डर लगने लगा है
राम आज मुझे
पल पल हर पल
नोच रहा है
किस से कहूँ
नहीं कह सकता
राम राम है
जय श्री राम है
मेरा ही राम है
लक्ष्मण तुम को
शक्ति लगी थी
और तुम्हारे पास
प्रश्न तब नहीं थे



मेहमान.....ओंकार केडिया
सड़कें बंद हैं,
रास्ता रोके खड़े हैं
पुलिस के बैरियर,
आड़ी-तिरछी बेतरतीब
बिखरी हुई हैं गाड़ियाँ,
सूई भर जगह नहीं सरकने को,


आज्ञा दें
कल भी मैं थी
आज भी मैं ही हूँ
कल मिलिएगा भाई कुलदीप जी से...
सादर




7 टिप्‍पणियां:

  1. उम्दा सूत्रों के साथ 'उलूक' की बकवास 'किसी के पढ़ने या समझने के लिये नहीं होता है लक्ष्मण के प्रश्न का जवाब होता है बस राम ही कहीं नहीं होता है' आज की हलचल में भी । आभार यशोदा जी ।

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन लिंकों से सजी बुलेटिन !

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर लिंक्स. मेरी कविता को जगह देने के लिए शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं

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