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रविवार, 31 अगस्त 2025

4497...करें राष्ट्र निर्माण,बनें ऐसे सब बालक...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीया अभिलाषा चौहान जी की रचना से।

सादर अभिवादन।

रविवारीय अंक में पढ़िए ब्लॉगर डॉट कॉम पर प्रकाशित चंद रचनाएँ-

करना है आरंभ!

कभी कुछ सोचकर नहीं

यूँही एक पल में लिया हुआ

फैसला!

वो वक़्त भी आ गया जब

सीखे हुए कला का करना है

प्रदर्शन!

*****

कुंडलियाँ छंद

बालक संस्कारी बनें,रखें हमेशा ध्यान।

चलें सदा सद् मार्ग पर,और बनें गुणवान।

और बनें गुणवान,लक्ष्य मनचाहा पाएँ।

उत्तम रखें चरित्र,देश का मान बढ़ाएँ।

कहती अभि हिय बात,यही भावी के पालक।

करें राष्ट्र निर्माण,बनें ऐसे सब बालक।

*****

 क्लांत मन 

अक्सर ढलते दिन के साथ

उतरती है भीतर एक गाढ़ी चुप्पी

तब अपने से भी पराये हुए क्लान्त मन के पास

लाज़िम है भाषा का चुक जाना,

शब्दों का हाथ छूट जाना....

कुछ इसी तरह एक भारी सी चुप लिये

उतरती है कोई-कोई शाम भी धीरे-धीरे

जैसे हो किसी बूढ़े सपने की चादर....

*****

मां जगदम्बे गीत

बेली-चमेली,उङहुल कलिया, तोड़ी-तोडी लैलूं डलिया

केबङिया..........

गङी-छुहाङा, दाखिल मुनक्का,भरी-भरी लैलूं थरिया

केबङिया..........

धूप-दीप-कर्पूर जलाऊं,सभे मिली सांझ के बेरिया,

केबङिया,..............

मैया अइहा हमर दुअरिया,अपराध से बाढ़ूं डगरिया,

केबङिया...............

*****

भ्रष्टाचारियों से बहुत दूर थे बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट-मनीष कौशिक

2012 में अध्यक्ष  के रूप में मैंने उनका कार्यकाल देखा है उसमें उन्होंने तत्कालीन एक जज साहब से हाथ मिलाने से मना कर दिया था और कह दिया था कि मैं किसी भ्रष्टाचारी से हाथ नहीं मिलाया करता मैं ऐसे संघर्षशील व्यक्तित्व को शत-शत नमन करता हूं.

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

 

5 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर लिंक्स, मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम, रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को शीर्ष पंक्ति में स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर रचना संकलन। मेरी रचना को स्थान देने के लिये सादर धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  4. Bahut sundar rachnaon ka sankalan hai aur is shrikhala mein meri rachna ko shamil karne ke liye bahut bahut dhanyawaad, Abhar!

    जवाब देंहटाएं

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