सादर अभिवादन
आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है
कुछ भजन सुनते हैं ..
पूरा कृष्ण लीला देखिए
और भी है... वो भी आएगा पर शैनेः शैनेः
नए लोगों से मिलना जुलना
नए शौक नया कुछ सीखना
अब ये सब अच्छा लगता है !
सकल जगत अपना हुआ, जीत न कोई हार
कान्हा जी से जुड़ गए, अंतर्मन के तार
शौक या अत्याचार
ऐसा ही कुछ चिड़ियाघर भी है ! फर्क इतना ही है कि वहां इंसान के जानने, समझने के नाम पर बेकसूर जीवों को छोटे-बड़े पिजरों में आजन्म कैद कर रखा जाता है ! जहां सबसे बड़ी मुसीबत सरीसृप जाति को होती है जो अपने आकार से कहीं छोटे कांच के बक्सों में कैद होते हैं ! भले ही कुछेक जानवरों के बाड़े बड़े होते हैं पर कैद, कैद होती है। आजादी, आजादी !
कभी आपने इन कैदी जीवों के चेहरों को ध्यान से देखा है ? जहां हर जीव के चेहरे पर बेबसी, छटपटाहट, निराशा, उदासी, थकावट, उकताहट जैसे भाव स्थाई हो कर रह गए होते हैं ! यहां इन्हें आहार बिना किसी उपक्रम के मिल जाता है ! इसलिए बिना दौड़-भाग के सिर्फ खाने और सोने के कारण उनकी शारीरिक क्रियाऐं दिन ब दिन शिथिल होती चली जाती हैं और ये समय से पहले बूढ़े, बीमार होते चले जाते हैं !
“बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी”
कृष्ण की बात करें
गीता की बात करें
जो हो रहा है उसे तो
होना ही है मानकर
आत्मसात करें
स्वतंत्रता दिवस मनाएं
जन्माष्टमी भी मनाएं
झंडे साथ में लहरा घर घर
हर घर तिरंगे की बात करें
चलते-चलते जय श्री कृष्ण
आज बस
सादर वंदन



जय श्रीकृष्ण
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक
आभार
बहुत सुंदर अंक 🙏
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएं