शीर्षक पंक्ति:आदरणीय शांतनु सान्याल जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
शनिवारीय अंक में पढ़िए ब्लॉगर डॉट कॉम पर प्रकाशित रचनाएँ-
सब जग का जिसे कारण पाऊं
मैं
आई
शरण
विनायक
रखना लाज
ओ पालनहारे
निर्गुण और न्यारे
तुम्हीं हो विघ्न हर्ता
जगत के स्वामी
हो अन्तर्यामी
सारी पीड़ा
भक्तों की
हर
लो
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*****“बरसात की खामोशी”कहीं छतों की टप-टप,
तो कहीं गलियों का सन्नाटा।
भीगी हुई मिट्टी की खुशबू में,
कुछ कहानियाँ दबी हुई हैं।
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बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने हेतु आपका आभार,,,
जवाब देंहटाएंजय श्रीगणेश ..
बेहतरीन अंक 🙏आज के सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🙏 गणपति बप्पा मोरिया 🙏
जवाब देंहटाएंविलम्ब के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ रवीन्द्र जी ! व्यस्तता के कारण कल से ब्लॉग देख ही नहीं पाई ! अभी देखा यह सन्देश ! मेरी ब्लॉग पोस्ट को सम्मिलित करने के लिए हृदय से धन्यवाद एवं आभार ! बप्पा की कृपा बनी रहे ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंगणेशोत्सव की सभी को शुभकामनाएं, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार, प्रस्तुति एवं रचनाएं अप्रतिम अभिनंदन सह ।
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