।।प्रातःवंदन।।
.“हम सबके दामन पर दाग
हम सबकी आत्मा में झूठ
हम सबके माथे पर शर्म
हम सबके हाथों में टूटी तलवारों की मूठ "
डा० धर्मवीर भारती
सहज भाव से सामाजिक,लोकतांत्रिक प्रक्रिया को इंगित करतीं पंक्तियों के साथ चलिये अब नज़र डालें चुनिंदा लिंकों पर...✍️
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से चुनाव के कारण अब मतगणना आसान भी हो गई है और मंगलवार को देर शाम तक सभी नतीजे भी आ जाएंगे. आइए जान लेते हैं कैसे होती है मतगणना, कौन तय करता है काउंटिंग की जगह, कितना बड़ा होता है मतगणना का एक राउंड और कैसे जारी होता है उम्मीदवार को जीत का सर्टिफिकेट
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मिट सकता है क्या कभी अंतर
स्त्री-पुरुष का..!
तुम्हें है अहम सर्वज्ञता का
मैं अज्ञ सदा से..
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देह पर रह जाते हैं वक़्त के नख चिन्ह, जीवन
फिर भी खड़ा रहता यथावत मौन वृक्ष की
तरह, व्याघ्र छोड़ जाते हैं अपनी सत्ता
के क्रूर निशान, उस पार बहती है ..
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कौन से दिन चाँद खिलता, खिलखिलाता है दिवाकर।
किस विषय पर गीत लिख दूँ, भाव को कविता बनाकर।।
शुभ समय की माप-गणना
कौन मेरे साथ रहकर;
कौन रह सकता, सुखी हो..
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सुंदर सामयिक अंक
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
बहुत सुन्दर अंक
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशानदार
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