निवेदन।


फ़ॉलोअर

रविवार, 2 जून 2024

4145 ..सागर के साहिल पे खड़ी सोचती हूँ अक्सर

 सादर अभिवादन

सोचो में तुम,ख्वाहिशों में तुम,ख़्वाबों में तुम
ज़िन्दगी की हर राह जैसे उलझ सी गई है।

यूँ तो आसमान के चाँद को सबने चाहा है पाना
पर उस तक की दूरी एक हकीकत बन गई है।

सागर के साहिल पे खड़ी सोचती हूँ अक्सर
लहरों का आना-जाना ही ज़िन्दगी बन गई है।
-तान्या

कुछ रचनाएं



अभी तक सुना था कि
होता है नरक...!!
मैंने देखा नरक को...!!
रिश्तों के नाम पर
जुटे स्वार्थी लोग
अपनी लोभ-पिपासा के लिए
लाश के पास चिल्लाते
समझ से परे
मरा कौन था....?




कुछ आदमी होते हैं सियार
वे भटकते हैं हर तरफ़
ताज़े गोश्त की तलाश में
उन्हें नहीं होता अपनी हड्डियांँ टूटने का डर
बुढ़ाती देह में भी
जवानी की आस लिये
ये लपलपाते हैं जीभ
निपोरे रहते हैं दाँत





लाडो चली है साजन से मिलने
मन में भरे है उमंग और सपने
सपनो का उसका साजन सजीला
बनाएंगे वो प्रीत का घर
कंधे से कंधा मिला
साजन के घर मे होगी
ममता की फुलवारी





चिलचिलाती गर्मी का प्रकोप जारी है। लखनऊ में तापमान 40°C तक जा पहुंचा है। लू लगने के बहुत से केस सुनने में आ रहे हैं। ऐसे में अपना और अपनों का ख्याल रखें। तेज गर्मी के बीच आम का पना न सिर्फ शरीर को ठंडक पहुंचाता है बल्कि आम का पना लू लगने से भी बचने में मदद करता है। आम पन्ना (Aam Panna) से तो सभी परिचित ही हैं। आम पन्ना ताजा ग्रीष्मकालीन पेय है, जो कच्चे आमों से बनता है। यह स्वादिष्ट पेय भारत में बहुत लोकप्रिय है। इसका खट्टा - मीठा स्वाद और इसके स्वास्थ्य लाभ इसे पीने में अत्यंत स्वादिष्ट बनाते हैं। आम पन्ना (Aam Panna) शरीर को शीतल और हाइड्रेट रखने में मदद करता है और गर्म मौसम के दौरान शरीर को आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स प्रदान करता है। गर्मी की दोपहरी में एक गिलास आम का पन्ना पीने से थकान दूर होती है और शरीर तरोताजा महसूस करता है। इसके पीने से लू नहीं लगती।




आज एक संत को सुना, “आगे से जवाब देना, उल्टा बोलना, ज़ोर से बोलना, दूसरे की बात को न सुनना या नकार देना, ये सभी वाणी के दोष हैं, जिनसे साधक को बचना चाहिए। अहंकार ही आत्मा को प्रकट न होने देने में सबसे बड़ी बाधा है, और उपरोक्त सभी बातें अहंकार से उपजती हैं, न कि विवेक से।विवेक तो सदा आत्मा से युक्त रहता है, जो प्रेमस्वरूप है।”

आज बस
कल फिर
सादर वंदन

3 टिप्‍पणियां:

  1. लिंको का सुंदर समन्वय । मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. देर से आने के लिए खेद है, सुंदर प्रस्तुति, आभार यशोदा जी !

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...