निवेदन।


फ़ॉलोअर

रविवार, 23 जून 2024

4165 ...पहिला योग जादू की झप्पी

 सादर अभिवादन

बड़े  बड़े  अडिग  सूरमा  भी
अब हवा के रुख को तकते है
जिधर को ये चल पड़ी
उसी ओर  खुद भी  बहते  है

 रचनाएँ कुछ मिली जुली ....




हमलोग कामाख्या मन्दिर बहुत बार गये हैं : बहुत पहले जब गये तो गुवाहाटी मेरे पति अपने सरकारी दौरे पर थे तो वहाँ के लोगों ने आराम से दर्शन की व्यवस्था करवा दी। : दूसरी-तीसरी बार गये तो भी पंक्ति में लगकर बहुत परेशानी नहीं उठानी पड़ी। पिछले साल (सन् २०२३) गये तो भीड़ देखकर भाग चलने की इच्छा हुई, लेकिन हमारे साथ जो लोग थे उनकी पहली यात्रा थी बिना दर्शन मायूस हो रहे थे : एक पण्डित जी मिले बोले पाँच सौ लेंगे चार व्यक्ति का : सौदा बुरा नहीं लगा एक बार और चित्र उतारने का मौका मिल रहा था। मन में लड्डू फूटना स्वाभाविक था। मंदिर में प्रवेश के कई दरवाज़े बन गये हैं : दो दरवाजे के पहले ही पण्डित जी बोले कि हो गया दर्शन, अब बाहर निकल लेते हैं और आप लोग मेरी तय राशि दे दीजिए।

तिल के लड्डू बनाने की वि​धि
पूरा पढ़िए विधि भी है और लड्डू भी है




दोस्त,
कभी किसी को
नहीं उठाना पड़ा मुझे,
मैंने ही उठाया सबको,
अब जबकि मैं मजबूर हूँ,
क्या वे नहीं उठा सकते मुझे,
जिन्हें मैंने हमेशा उठाया?




उसके आत्मसम्मान को आघात लगा। वह स्वयं को जैसे धिक्कारने लगा और उठकर वापस चला गया। सेना को एकत्रित करके शत्रु से युद्ध किया और जीत गया। यह सारी विजय उसके मन की विजय थी। मनुष्य के शरीर में लगभग सभी अंग स्थल भौतिक रूप में दिखायी देते हैं - जैसे- आंख, नाक, कान, हृदय आदि दृष्टिगत हैं, किंतु मन जो सभी को चलाता है, रोकता है, भटकाता है, पराजय-विजय दिलाता है, प्रेम-घृणा आदि अनेक मनोभावों व कार्यों का कारण बनता है। उसका अपना कोई दृश्य स्थूल अस्तित्व नहीं है।




पहिला योग
जादू की झप्पी
दूसरा योग है
लिप ऑन लिप
तीसरा योग
छुवमछुवाई





"मैं कर्त्ता हूं "
यह सत्य मानकर कर
मनुष्य
सदा भ्रम का जीवन जीता है।
वह स्वयं को
सदैव अंधेरे में रखता है।
यह जानते हुए भी कि
उसके पैदा होने से पहले
और उसके जाने के बाद भी
यह दुनिया
उसी तरह चलती रहेगी
जैसे उसके सामने चल रही है।




हाबूर गांव के लोग इसी पत्थर की मदद से दूध से दही जमाते हैं। यूं कहें कि गांव के लोग 'हाबूरिया भाटा' का प्रयोग जामन के रूप में करते हैं। जानकार बताते हैं कि 'हाबूरिया भाटा' में एमिनो एसिड, फिनायल एलिनिया, रिफ्टाफेन टायरोसिन पाए जाते हैं जो दूध से दही जमाने में सहायक होते हैं।



आज बस
कल फिर मैं ही
सादर वंदन

4 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर संकलन।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार।
    शुभ इतवार।

    जवाब देंहटाएं
  2. यशोदा दी, सादर अभिवादन।
    'हाबूरिया भाटा'..दूध से दही जमाने की बिल्कुल नई जानकारी साझा की है आपने, इसके बारे में जल्द ही पोस्ट डालने का प्रयास करूंगी।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर अंक. मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...