शुक्रवारीय अंक में
आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥
अर्थात्
"व्यायाम से स्वास्थ्य, लम्बी आयु, बल और सुख की प्राप्ति होती है। निरोगी होना परम भाग्य है और स्वास्थ्य से अन्य सभी कार्य सिद्ध होते हैं।"
कहते हैं" स्वस्थ तन में स्वस्थ मन का वास होता है।"
"स्वास्थ्य सबसे बेशकीमती संपत्ति है।"
योग इन सभी शब्दांशों का निचोड़ है।
योग का अर्थ है जुड़ना। मन को वश में करना और वृत्तियों से मुक्त होना योग है।
क्या करते है?
आप भी योग करते हैं क्या?
बात जब भी सेहत को चुस्त-दुरुस्त रखने की हो तो निःसंदेह व्यायाम की श्रेणी के अंतर्गत प्राथमिक सूची में "योग" का नाम सबसे पहले लिया जाता है।
चमत्कारिक योग
मन,मस्तिष्क, आत्मा और शरीर में संतुलन बनाये रखने में सहायक होता है।
योग न केवल शारीरिक वरन् अनेक मानसिक व्याधियों से मुक्त कर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के का प्रवाह करने में सहायक है।
आधुनिक अत्यधिक व्यस्तम् और तनाव भरे जीवन शैली में तो योग के प्रभावशाली
परिणाम दृष्टिगत हुये है।
“बिलकुल! लेकिन जो जीभ को रुचता है वह पेट को नहीं जँचता है। रूचना, पचना, जुड़ना-एक साथ नहीं होता है! जानते हो मेरे एक परिचित हैं। बैंगन की सब्ज़ी को चलाये छोलनी से अगर चावल या अन्य दूसरी सब्जी चला दिया जाये तो वे उस चावल या अन्य दूसरी सब्जी नहीं खा सकते हैं…! बैंगन की सब्जी तो नहीं ही खाते हैं। किसी भी सब्जी में टमाटर पड़ जाये तो सब्जी नहीं खाते हैं। आज के दौर में किसी होटल की किसी तरह की सब्जी उनके घर के लोगों का साथ नहीं दे सकते हैं। शायद स्वाद अच्छे नहीं लगते हों या स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से…! लेकिन-लेकिन सिर्फ बैंगन का चोखा, बैंगन-आलू-टमाटर का मिश्रित चोखा, टमाटर की मीठी चटनी बड़े शौक़ से चाट-चाट /चाट-पोंछकर खाते हैं…!
गुड़ खाए गुलगुले से परहेज करें!
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योग दिवस पर शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंशानदार अंक
आभार..
सादर वंदन
शानदार अंक में मेरी डायरी को भी हिस्सा बनाने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसभी शामिल रचनाकार को धन्यवाद
मेरे सृजन को आज की हलचल में आपने सम्मिलित किया आपका ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! सप्रेम वन्दे ! सभी रचनाएं बहुत ही सुन्दर !
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक
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