अन्तर्मन के आसमान में रंग बिरंगे पंख लगाकर उड़ते फिरते सोच के पाखी अनवरत अविराम निरंतर मन में मन से बातें करते मन के सूनेपन को भरते शब्दों से परे सोच के पाखी।
मकान का बंटवारा होने के बाद मयंक बहुत ठगा सा महसूस कर रहा था। कुछ कसर जान पहचान वालों और रिश्तेदारों ने पूरी कर दी उन्होंने मयंक को मुकेश भाई साहब की चालाकी और ठगी का अहसास करवाया। मुकेश भाई साहब जितना समझाते ठगे जाने का एहसास उतना ही गहरा होता जाता। निशि को भी यही लगता था और फिर मुकेश भाई साहब को लेकर कटुता इतनी बढ़ी कि उन दोनों ने उनसे सारे संबंध तोड़ लिए।
---------//////--------
और चलते-चलते
पुस्तक छपना किसी लेखक का सबसे सुंदर
स्वप्न होता है। पुस्तक में लेखक की पवित्र आत्मा का वास होता है। पढ़िए एक पाठिका द्वारा कविताओं की
इनके पूरे संग्रह में प्रेम , इश्क़ , या विरह जैसे विषय पर रचनाएँ न के बराबर हैं । इस काव्य - संग्रह में कुल 50 कविताओं का समावेश है ।
इस संग्रह की पहली कविता में कुछ प्रेम का होना मुखरित हो रहा है । लगता है नायक के आने से नायिका के मन के भाव कहने का प्रयास किया है - ..... था सूना मन का आँगन / उपहार प्यार का भर लाये / चिर बसंत फिर घर आये ।
मनमोहक अंक गली-मुहल्लों, चौक-चौराहों में बना विशाल हवन कुंड ये किस यज्ञ की तैयारी है? स्वार्थ के घृत में लिपटी समिधा सजा दी गयी है आँखों में पट्टी बाँधे युवा जैसे काष्ठ हों आभार सखी.. सादर
गली-मुहल्लों, चौक-चौराहों में बना विशाल हवन कुंड ये किस यज्ञ की तैयारी है? स्वार्थ के घृत में लिपटी समिधा सजा दी गयी है आँखों में पट्टी बाँधे युवा जैसे काष्ठ हों तत्पर हैं आहुति बनकर अग्नि रूप धरकर सर्वनाश करने को।
वर्तमान में जो हो रहा है और जिस पीड़ा से गुजरा जा रहा है उसका प्रभावी चित्रण. कमाल की भूमिका के साथ अनूठा सूत्र संयोजन साधुवाद आपको
सम्मलित सभी रचनाकारों को बधाई मुझे सम्मलित करने का आभार
प्रिय श्वेता , समसामयिक भूमिका के साथ आज की सभी काव्य रचनाएँ एक से बढ़ कर एक हैं ।कहानी का चयन भी लाजवाब है । और हर सूत्र के साथ तुम्हारी विशेष टिप्पणी रूपी समीक्षा प्रस्तुति के प्रति विशेष आकर्षण पैदा कर रही है । इतनी सरस रचनाओं के बीच रसहीन आलोचना जैसे रेशम में टाट का पैबंद लग रही है । इस पैबंद को यहाँ शामिल करने के लिए शुक्रिया । भूपेन हजारिका के वीडियो अपना अलग ही प्रभाव छोड़ रहे हैं ।
प्रिय श्वेता, एक अत्यंत सरस प्रस्तुति को नये अंदाज में संजोने के लिए बधाई और शुभकामनाएं।सभी रचनाओं के साथ काव्यात्मक टिप्पणी रचनाओं के सौंदर्य को द्विगुणित कर रही है।अभी नज़र भर जायजा लिया है रचनाओं का।कल सभी पर प्रतिक्रिया देने का प्रयास करती हूँ।एक बार फिर से आभार और प्यार एक भावपूर्ण अंक के लिए 🎉🎉🎊🎊♥️♥️🌷🌷
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं। 2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें। ३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें . 4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो। प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
मनमोहक अंक
जवाब देंहटाएंगली-मुहल्लों,
चौक-चौराहों में बना
विशाल हवन कुंड
ये किस यज्ञ की तैयारी है?
स्वार्थ के घृत में लिपटी
समिधा सजा दी गयी है
आँखों में पट्टी बाँधे
युवा जैसे काष्ठ हों
आभार सखी..
सादर
बढ़िया अंक।
जवाब देंहटाएंआन्दोलित करती, बैचैन करती , रोमांच पैदा करती रचनाओं को पढ़ना.. क्या कहूँ छुटकी
जवाब देंहटाएंगली-मुहल्लों,
जवाब देंहटाएंचौक-चौराहों में बना
विशाल हवन कुंड
ये किस यज्ञ की तैयारी है?
स्वार्थ के घृत में लिपटी
समिधा सजा दी गयी है
आँखों में पट्टी बाँधे
युवा जैसे काष्ठ हों
तत्पर हैं आहुति बनकर
अग्नि रूप धरकर
सर्वनाश करने को।
वर्तमान में जो हो रहा है और जिस पीड़ा से गुजरा जा रहा है उसका प्रभावी चित्रण.
कमाल की भूमिका के साथ अनूठा सूत्र संयोजन
साधुवाद आपको
सम्मलित सभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर
प्रिय श्वेता , समसामयिक भूमिका के साथ आज की सभी काव्य रचनाएँ एक से बढ़ कर एक हैं ।कहानी का चयन भी लाजवाब है । और हर सूत्र के साथ तुम्हारी विशेष टिप्पणी रूपी समीक्षा प्रस्तुति के प्रति विशेष आकर्षण पैदा कर रही है ।
जवाब देंहटाएंइतनी सरस रचनाओं के बीच रसहीन आलोचना जैसे रेशम में टाट का पैबंद लग रही है । इस पैबंद को यहाँ शामिल करने के लिए शुक्रिया ।
भूपेन हजारिका के वीडियो अपना अलग ही प्रभाव छोड़ रहे हैं ।
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुप्रभात ! विचारणीय भूमिका और अति श्रम साध्य सुंदर प्रस्तुतिकरण, आभार !
जवाब देंहटाएंविविध रचनाओं से सज्जित सराहनीय प्रस्तुति । सोचने को मजबूर करती भूमिका । सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंप्रिय श्वेता, एक अत्यंत सरस प्रस्तुति को नये अंदाज में संजोने के लिए बधाई और शुभकामनाएं।सभी रचनाओं के साथ काव्यात्मक टिप्पणी रचनाओं के सौंदर्य को द्विगुणित कर रही है।अभी नज़र भर जायजा लिया है रचनाओं का।कल सभी पर प्रतिक्रिया देने का प्रयास करती हूँ।एक बार फिर से आभार और प्यार एक भावपूर्ण अंक के लिए 🎉🎉🎊🎊♥️♥️🌷🌷
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति और पुस्तक समीक्षा के लिए ढेरों धन्यवाद
जवाब देंहटाएंवाह!श्वेता ,खूबसूरत प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएं