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रविवार, 10 अप्रैल 2022

3359.....मेरा राम तो मेरा हिंदुस्तान है

जय मां हाटेशवरी.....



राम न जाने हिन्दू क्या
राम न जाने मुस्लिम
राम तो सुनते उन भक्तों की
जिनके कर्मों में धर्म हैं
जिनकी वाणी में सत्य हैं
जिनके कथन से कोई दिल ना दुखे
जिसके जीवन में पाप ना बसे
जो सदमार्ग पर चलता है
राम तो बस उसी में मिलता हैं

राम नवमी की हार्दिक बधाई
बाबर हमलावर था मन में गढ़ लेना
इतिहासों में लिखा है पढ़ लेना
जो तुलना करते हैं बाबर-राम की
उनकी बुद्धि है निश्चित किसी गुलाम की
राम हमारे गौरव के प्रतिमान हैं
राम हमारे भारत की पहचान हैं
राम हमारे घट-घट के भगवान् हैं
राम हमारी पूजा हैं अरमान हैं
राम हमारे अंतरमन के प्राण हैं
मंदिर-मस्जिद पूजा के सामान हैं
राम दवा हैं रोग नहीं हैं सुन लेना
राम त्याग हैं भोग नहीं हैं सुन लेना
राम दया हैं क्रोध नहीं हैं जग वालो
राम सत्य हैं शोध नहीं हैं जग वालों
राम हुआ है नाम लोकहितकारी का
रावण से लड़ने वाली खुद्दारी का
राम नहीं है नारा, बस विश्वाश है
भौतिकता की नहीं, दिलों की प्यास है
राम नहीं मोहताज किसी के झंडों का
सन्यासी, साधू, संतों या पंडों का
राम नहीं मिलते ईंटों में गारा में
राम मिलें निर्धन की आँसू-धारा में
राम मिलें हैं वचन निभाती आयु को
राम मिले हैं घायल पड़े जटायु को
राम मिलेंगे अंगद वाले पाँव में
राम मिले हैं पंचवटी की छाँव में
राम मिलेंगे मर्यादा से जीने में
राम मिलेंगे बजरंगी के सीने में
राम मिले हैं वचनबद्ध वनवासों में
राम मिले हैं केवट के विश्वासों में
राम मिले अनुसुइया की मानवता को
राम मिले सीता जैसी पावनता को
राम मिले ममता की माँ कौशल्या को
राम मिले हैं पत्थर बनी आहिल्या को
राम नहीं मिलते मंदिर के फेरों में
राम मिले शबरी के झूठे बेरों में
मै भी इक सौंगंध राम की खाता हूँ
मै भी गंगाजल की कसम उठाता हूँ
मेरी भारत माँ मुझको वरदान है
मेरी पूजा है मेरा अरमान है
मेरा पूरा भारत धर्म-स्थान है
मेरा राम तो मेरा हिंदुस्तान है

 
श्रीराम तथा रामचरित मानस में क्या नहीं हैं कोई श्रद्धा से करे तो सब कुछ प्राप्त होता हैं।राम बिना सब कुछ सुना सुना भक्त किसी का हो जीवन में राम को आना
पड़ता है,कारण हमारे अंदर आसुरी शक्ती भी प्रबल है उस पर विजय वास्ते तथा बाहर जगत में भीषण संकट,अवरोध है इस लिये श्रीराम को पुकारना पड़ता है और भक्त के एक
बार पुकारने पर राम कृपालु होकर सहायता करते हैं।जो जगत में रम रहा है वही राम नाना रूप धारण कर हमारा कल्याण करते है।सीताराम में तारा है,वही शिव में विष्णु
बसे है, दुर्गा में राम हैं घट घट में राम ही राम वही हनुमान जी के ह्रद्वय में सीताराम विराज रहे हैं।राम का चरित्र जीवन को सुन्दर बनाने में सहायक है,
 


हे रघुवर !आपको सर्वस्व अर्पित
हे रघुवर ! आपके चरणों  में प्राण हैं समर्पित !
तन समर्पित मन समर्पित आपको सर्वस्व अर्पित !


पता है ……. ?
ठहरे पानी पर
काई ही जमती है ।
थमने से वजूद  
खो सा जाता है  ।
यही जिन्दगी है ।




भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी हैं, यह सनातन धर्म की पहचान है। मानव जीवन
के वास्तविक लक्ष्य को यहाँ का आम आदमी भी जानता है, मोक्ष का विचार यहाँ की हवा में घुला है। यहाँ एक जन्म की बात नहीं की जाती, एक अनंत जीवन हम पीछे छोड़
आए हैं और हम जानते हैं कि आने वाले अनेक जन्मों का सुख-दुःख हमारे आज के कर्मों पर निर्भर है।

लुटती अस्मतों को तो
कोई बचा ना पाए
बन रहा  आज का मानव
  कितना हिंसक
 शेर-चीते भी
आज देख इन्हें शरमाएँ ।

महिला-"ठीक है भैया अब आप ही लोगों का सहारा है!"
  बड़े बाबू- " बस बहन जी हजार रुपए दे जाइएगा...!"
   महिला अवाक बड़े बाबू को देखती रह गयी...!

धन्यवाद

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर अंक..
    रामनवमी की शुभकामनाएं..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर, सराहनीय अंक।
    राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय कुलदीपजी, प्रारंभ में भूमिका में जो कविता आपने दी है वह किसकी कविता है ? बड़ी विलक्षण कविता है। क्या मैं इसे शेयर कर सकती हूँ ?
    अत्यंत सुंदर अंक। आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभेच्छाएँ।
    राम मिले ममता की माँ कौशल्या को
    राम मिले हैं पत्थर बनी आहिल्या को
    राम नहीं मिलते मंदिर के फेरों में
    राम मिले शबरी के झूठे बेरों में !

    जवाब देंहटाएं
  4. देर से आने के लिए खेद है। रामनवमी के अवसर पर अत्यंत सारगर्भित प्रस्तुति, राम के जीवन के अनूठे प्रसंगों को जितना स्मरण करें उतना ही शांति का अनुभव होता है। आभार!

    जवाब देंहटाएं

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