निवेदन।


फ़ॉलोअर

बुधवार, 13 अप्रैल 2022

3362..आम सी बात..

 ।।प्रातः वंदन ।।

अच्छी नहीं ये ख़ामुशी शिकवा करो गिला करो 

यूँ भी न कर सको तो फिर घर में ख़ुदा ख़ुदा करो 

शोहरत भी उस के साथ है दौलत भी उस के हाथ है 

ख़ुद से भी वो मिले कभी उस के लिए दुआ करो..

निदा फाजली.

 खूबसूरत कलाम, साकारात्मक आशा की रश्मियों के साथ आइए ..अब नज़र डालें चुनिंदा लिंकों पर...✍️


अन्यत्र बसाऊँ कहाँ तुम्हें?

प्रियतम, मेरा दिल सूना है;

कल को फिर यही कहोगी तुम

मुझको धड़कन भी छूना है।।१।।

घड़कन तक भी गर बात बने

करता हूँ अंगीकार इसे;

पर, सहमति के परिपत्रों...

🔶🔶

" कब होगा आँगना में आगमन तुम्हारा "


कुम्हला गए ताजे पुहुपों के वंदनवार
पथरा गये खंजन नैना करके इंतज़ार 
बीते दिवस कित,बीति जाये कित रैन
चली गईं जाने कित आ आकर बहार 


🔶🔶

आज की कड़वी हकीकत

चाँद तक जा पहुँचे हो

पड़ोसी के घर तक पहुँच नहीं 


कितनी डिग्रियाँ कर लीं हासिल 

आम सी बात तो मालूम नहीं ..

🔶🔶

कौन आग लगा रहा

------------


कहाँ चले गये वो लोग
धीर से गम्भीर थे
आज कहाँ खो गया उसका धैर्य?
शहर की हवा बदली- बदली सी
कुछ सड़कें, कुछ गलियां
सहमी-सहमी सी
जहाँ रोती है खामोशी..
🔶🔶




प्यार से भीगा मन, नयी आमद की ख़ुशबू


धूप अभी काम पर निकलने के लिए तैयार हो रही हो. उनींदी सड़कें फूलों की खुशबू ओढ़े हुए जाग और सोने के बीच आँखें मिचमिचा रही हैं. नन्हे बच्चों की अल्हड़ टोली सड़कों के आलस को तोड़ रही है. शरारती कबूतर एकांत को कुतरने की जुगत लगाते हुए लगातार गुटरगूं किये जा रहा है.

ज़िन्दगी ने नया लिबास पहना हुआ है..
🔶🔶

।।इति शम।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️

5 टिप्‍पणियां:

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...