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गुरुवार, 7 अप्रैल 2022

3356...कौन, किस सिम्त जा मुड़ा कहना है बहुत मुश्किल,

शीर्षक पंक्ति: आदरणीय शांतनु सान्याल जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

गुरुवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ।

आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-

भरोसा

जितनी बार विश्वास किया

हर बार भरोसा टूट गया

अब मुझे किसी पर  विश्वास नहीं होता

हरबार यही लगता है कहीं यहाँ भी फ़रेब की दुकान तो नहीं है |

उच्चारण

भाषापहनावाबोली  खानपान का सीधा संबंध नजर आता है। उत्तर में ठंडे मौसम की वजह से हाजमा बहुत अच्छा होता है। वो मेहनत कर पाते हैं और फलस्वरूप शरीर सौष्ठव भी अच्छा होता है। गर्म खाद्य़ के आदि होते हैं। उनका तन गठीला होता है पर साथ साथ जुबान भी कम लचीली होती है। अर्द्धाक्षर  के उच्चारण में उनको तकलीफ होती है।इसीलिए शायद गुरुमुखी में अर्द्धाक्षर का प्रावधान ही नहीं है। इनके लिए दक्षिण की भाषाएँ सीखना बहुत ही कठिन काम होगा।

पूर्व लिखित तहरीर- - 

दिगंत पर
कर मैं ढूंढता हूँ शब
गुज़िश्ता का निशां,
कौन, किस
सिम्त
जा
मुड़ा कहना है बहुत मुश्किल,

चंद चिप्पियाँ .. बस यूँ ही...

देखा हाथों में हमने अक़्सर स्वदेशी की बातें करने वालों के,

विदेशी नस्ली किसी कुत्ते के गले में लिपटे हुए विदेशी पट्टे।

देखा बाज़ारों में हमने अक़्सर "बाल श्रम अधिनियम" वाले,

पोस्टर चिपकाते दस-ग्यारह साल के फटेहाल-से छोटे बच्चे।

हे कवि!

बच्चों के हाथों से छीनते रोटी

जात-पात की फेंकते गोटी।

ग़रीबों का उजड़ता देख चूल्हा

हे कवि! तुम्हारा पेट नहीं फूला?

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव  


7 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन अंक.
    आहों के कपास थामे,
    सोचों की तकली से,
    काते हैं हमने,
    आँसूओं के धागे .. बस यूँ ही ...
    व्वाहहहह
    सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात
    आभार सहित धन्यवाद रवीन्द्र जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  3. मुझे शामिल करने हेतु ह्रदय तल से आभार आदरणीय।

    जवाब देंहटाएं
  4. जी ! नमन संग आभार आपका .. अपनी आज की नायाब प्रस्तुति में मेरी बतकही को स्थान देने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन अंक.
    आहों के कपास थामे,
    सोचों की तकली से,
    Holi Wishes Hindi
    Love Quotes
    Abraham Lincoln Quotes

    जवाब देंहटाएं
  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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