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बुधवार, 4 जुलाई 2018

1083..घने बादलों में भीगने की जिद्द हो...

।।प्रात: वंदन।।
बताओं तो सही अच्छा क्या हो
घर- घर आबोदाना हो
गुलों की आबोहवा मंलग हो
  मोसम-ए-बहार  हो या
वो घने बादलों में भीगने की जिद्द हो...

आप सभी के समक्ष इसी सवाल के साथ आज की कड़ी में..✍
🔹
  पावस ऋतु का स्वागत करती  आदरणीय विश्वमोहन जी की रचना..

कानन में बदरी करियाई
दरिया उड़ेला
अकुलाये आसमान ने
नदी का पेट 
लताओं को सहलाता
लतायें इठलायी शरमायी
🔹
अनुराधा चौहान जी की रचना हरियाली..

पा उसका स्पर्श
धरती सकुची शरमाई
हरियाली की चूनर ओढ़े
 फिर मंद मंद मुस्काई
🔹
व्याकुल पथिक जी की रचना...



       तुम नेता नहीं देवता जो कहलाते
 अपने देश में यदि राजनैतिक जुमले की बात करें, तो उसके केंद्र में गरीबी ही रही है, जातीय - मजहब और मंडल कमंडल की सियासत से पहले भी एवं बाद में भी । "गरीबी हटाओ देश बचाओ " का नारा 1971 के आम चुनाव में इंदिरा गांधी का और " अच्छे दिन आने वाले हैं " यह जुमला 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी का रहा है। पर हम निम्न मध्यवर्गीय लोगों के जीवन स्तर में इतने वर्षों में क्या तनिक भी सुधार हुआ है ? ईमानदारी से सत्ताधारी दल के नये-पुराने नेता बस इतना बता दें!..
🔹
कार्टून:-राग बरखा



🔹
ब्लॉग  सच की बात, विक्रम के साथ


एक परिंदे की परवाज़ एक बिल्डिंग कीखिड़की से धूल भरी फ़िज़ा मे शुरूहोती है और दूसरी बिल्डिंग की ऊँचाईनापते-नापते टकराकर दम तोड़ देती है।परिंदे के घोंसले बन्द आपार्टमेंट केवाशरूम की खिड़कियों के मोहताजहोते है। जिस रोज़ exhaust लगा।घोसला उजड़ जाता है।
🔹



दिन चढ़ता है नई भोर है 
तीव्र चपल कुछ नया शोर है ! 
उषा की लाली तप्त है 
पवन चल रहा जरा सख्त है !

चारों ओर भरी नीरवता 
बिखरी है हर ओर व्यवस्था 
तूफां जब आने को होता 
हो जाती है यही अवस्था !

प्रकृति के अद्भुत सामंजस्य को समेटती डॉ इंदिरा जी की रचना.. के साथ यहीं तक..
🔹

हम-क़दम के छब्बीसवें क़दम
का विषय...
........... यहाँ देखिए ...........


।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह..✍

16 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात सखी
    अच्छी रचनाएँ पढ़वाई आपने आज
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. वो घने बादलों में भीगने की जिद हो
    बहुत बढ़ियाँ प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  3. जी धन्यवाद
    ब्लॉग पर सुंदर एवं हर प्रकार की रचनाएं पढ़ने को मिल रही हैं। इस बार मेरा भी एक लेख है।

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन रचनाओं का संगम,आपका बहुत बहुत धन्यवाद मेरी रचना को इस बेहतरीन संकलन में स्थान दिया

    जवाब देंहटाएं
  5. विचार प्रेसित करती आकर्षक भुमिका सुंदर रचनाओं का चयन सभी रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर भूमिका संग आकर्षक रचनाओं का शानदार संयोजन पम्मी जी। सभी रचनाएँ बहुत अच्छी लगी।

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन आगाज करती भूमिका के साथ नव रंग सा संकलन उसमें मेरे लेखन का होना .....लेखनी को प्रवाह दे गया पम्मी जी स्नेहिल आभार !

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह!!बहुत खूबसूरत प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  9. बरखा के सुमधुर राग से आप्लावित मेढ़क मेढकी के अनुराग सरिस सरस संकलन!!! बधाई और आभार!!!

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत उम्दा संकलन
    उम्दा रचनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  11. वाह लाजवाब सुंदर संकलन
    सभी रचनाएँ बेहद उत्क्रष्ट 👌

    जवाब देंहटाएं
  12. खूबसूरत रचनाओं को संकलित किये हुए शानदार संकलन आज का ! मेरी रचना को आज के इस अंक में चुनिन्दा रचनाओं के साथ स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार पम्मी जी !

    जवाब देंहटाएं
  13. बेहतरीन प्रस्तुति के लिये बधाई आदरणीया पम्मी जी।
    चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं

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