सादर अभिवादन।
सावन का महीना परसों से आरम्भ हो जायेगा। हरीतिमा से
आच्छादित धरा का सौंदर्य सावन में बहने वाली
मनमोहक बयार और पक्षियों का प्यारा कलरव आदि हमारी कार्यक्षमता में वृद्धि करते हैं। मन-मस्तिष्क ऊर्जावान होकर सृजन के नये-नये आयाम स्थापित करने को तारतम्य का आधार बनाते हैं। आषाढ़ भी किसान के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण महीना है।
आइये अब सृजन संसार की झलकियों का रसमय अवलोकन करें-
सावन के झूले पड़े
तुम चले आओ
दिल ने पुकारा तुम्हें
तुम चले आओ
तुम चले आओ...
ये ग़मों की रात लम्बी है या मेरे गीत लम्बे हैं -
ना ये मनहूस रात खत्म होती ना मेरे गीत खत्म होते
ये जख्म हैं इश्क
के यारो -इनकी क्या दवा होवे -
ये हाथ लगाये भी दुखते हैं मलहम लगाये भी दुःख जाते !!!!!
कदम-कदम पे रौनक होगी
हर चेहरे पर खुशियाँ होंगी
जीवन सरल-सुनहरा होगा
खुशियों के बरसात से जैसे
घर-आँगन मुस्कुराएगा
नक्श दिल से मिटाये हमारे ।
फिर हमें भी लगावट नहीं है ।।
इश्क करना बुराई कहां है ।
हम करें यह इनायत नही है।।
एक समय था कि इलाहाबाद हिंदी साहित्य का सबसे बड़ा तीर्थ था। उसकी चमक, ठसक, शान और शोहरत का लोहा चतुर्दिक था। बड़ी बात यह कि उसकी अपनी संस्कृति शैली और मौलिकता थी। बड़े कवियों की परंपरा से संपन्न होने के बावजूद वह कथा की तरह दिलचस्प, सच्चा, काल्पनिक और खुरदुरा था। उस इलाहाबाद को अपने अनुभवों के आधार पर रच रही हैं — प्रसिद्ध कथाकार और कथेतर गद्य में अप्रतिम ममता कालिया। — अखिलेश (तद्भव से साभार)
और देखिए नये विषय की जगह
हम-क़दम के उन्तीसवें क़दम का विषय
इधर है
आज के लिये बस इतना ही
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार।
कल की प्रस्तुति - आदरणीया श्वेता सिन्हा जी
रवीन्द्र सिंह यादव
शुभ प्रभात भाई
जवाब देंहटाएंबढ़िया अंक
सावनी मुस्कुराहट के साथ
सादर
सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंसावन का स्वागत करती मनोहारी प्रस्तुति रविन्द्र सिंह जी । संकलन में मेरी रचना को स्थान देने के लिए तहेदिल से धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंमेरी स्मृतियों को अपने लोकप्रिय ब्लॉग पर स्थान देने के लिये हृदय से धन्यवाद रवींद्र जी । बहुत ही सुंदर रचनाएं हैं,यहां वरिष्ठ साथियों की।जिन्हें पढ़ने का धीरे - धीरे एक अभ्यास सा हो गया है।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन बेहतरीन रचनाएं बहुत बहुत बधाई सभी रचनाकारों को
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत संकलन रविन्द्र जी !!सुंदर भूमिका
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई ।
हमारे...
जवाब देंहटाएंकिसी पाठक का..
किसी रचनाकार का...
किसी ब्लागर का...
हृदय परिवर्तन होने वाला है...
अनुमान लगाएँ....
.....
भाई रवीन्द्र जी..
बेहतरीन प्रस्तुति के लिए..
साधुवाद...
सादर...
एक.. आगे आप पूरा कर लीजियेगा :)
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंबढ़िया हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन
जवाब देंहटाएंसावन के स्वागत के साथ सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंशानदार संकलन
सभी रचनाकारों को बधाई।
सावन के स्वागत में प्रकृति बाहें पसारे हुये है। देश के कुछ जगहों मेंं अब तक बारिश नहीं हुई है जिससे वहाँ के निवासी चिंतित हैं।
जवाब देंहटाएंसुंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती आज की भूमिका के साथ बहुत अच्छी रचनाओं का बहुत सुंदर संकलन आज का।
बहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीय रवींद्र जी।
सावन की फुहारों से आज की हलचल सुंदर लिंकों के साथ बरसीं ..बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई ।
धन्यवाद।
आदरणीय रवीन्द्र जी -- आजका सावनी अंक बहुत खास है मेरे लिए | मेरे लेख को आपने अपने लिंकों में विशेष स्थान दिया सादर आभार इसके लिए| दिवंगत कवि पर लिखा ये लेख आपके माध्यम से बहुत से पाठकों ने पढ़ा जिससे मुझे अपार प्रसन्नता हुई | मेरा सहयोगी रचनाकारों से अनुरोध है यदि वे हिंदी अथवा अहिन्दी साहित्यकारों अथवा कलाकारों के रचना औए कला संसार से परिचित हैं तो जरुर ब्लॉग जगत को उनसे परिचित करवाने में अपना योगदान दें | सभी सहयोगी रचनाकारों को सस्नेह शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंआदरणीय रविन्द्र जी ममता कालिया जी के संस्मरण तक पहुँचाने के लिए कोटिश आभार | यूँ तो शब्दांकन मेरे इ मेल पर आता है पर बहुत दिनों से लिखने के कारण ज्यादा पढ़ नहीं पाती - पर आपने बहुत अच्छी चीज पढ्वा दी सादर --
जवाब देंहटाएंhttps://halchalwith5links.blogspot.com/
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