निवेदन।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 12 जुलाई 2018

1091....हम तरक्क़ी की बुलंदी पर पहुँच ही जाएंगे .....

सादर अभिवादन। 

शिक्षा के व्यवसायीकरण ने प्रबंधकों किस हद तक ग़ैर-सम्वेदनशील बना दिया है इसका ताज़ा उदाहरण देश की राजधानी दिल्ली में सामने आया है जहाँ अभिभावकों द्वारा पिछले माह का शुल्क न जमा करने के आरोप में   मासूम बच्चियों को 5 घंटे तक तह-ख़ाने में बंद रखा गया...... 
अफ़सोस इस व्यवस्था पर..... 

आइये अब चर्चा करते हैं आज की पसंदीदा रचनाओं पर -   


मेरी फ़ोटो

 भाईचारे के नए 
आदर्श स्थापित किए 
ताकि चौराहे पे भूने, भाई अपने भाई को. 
हम तरक्क़ी की बुलंदी पर 
पहुँच ही जाएंगे 
पर मिटाने भूख, लंगर की शरण ही जाएँगे.



रंगरेज हमारा   
सबका प्यारा   
अनोखी ये दुनिया   
किसने रची!   
हर्षित हुआ मन   
घर-आँगन   
देख सुन्दर रूप   
चकित निहारते !   



तुम और हम 
बादलों के नग़में गुनगुनाएं 
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
मुश्किल है जीना 
उम्मीद के बिना 
थोड़े से सपने सजाएं 
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं 


हर सांस के लिए संघर्ष जब करना पडे
बात कोई भी किसी के न तब पल्ले पडे
तब उबलता है मन में आक्रोश भी
तब पनपते हैं अनेक अपराध भी
पेट की आग सबसे बलवती है
जिसमें पल-पल मानवता झुलसती है



post-feature-image

सबसे ज़रुरी बात यह हैं कि अपना आत्मविश्वास बनाएँ रखे कि मैं किसी भी स्थिति का सामना कर सकती हूं। यदि आप डर गई तो आपके चेहरे के हावभावों से अपराधियों का हौसला बढ़ जायेगा। अत: इस बात की पक्की गांठ बांध ले कि यहां कोई श्रीकृष्ण आपका चीरहरण रोकने नहीं आने वाला! यहां हर किसी को अपनी खुद की सुरक्षा हेतु सजग रहना होगा। तो आइए, जानते हैं कुछ ऐसे छोटे-छोटे उपाय जिन्हें अपना कर आप अपनी सुरक्षा खुद कर सकती हैं..

फोटो ब्लॉग 




इससे जुड़ी एक रोचक लोक कथा है जिसे आप मानें या ना माने. इसी 
अलकनंदा पर एक 330 मेगावाट का प्रोजेक्ट बनना था जिसके कारण 16 जून 2013 को मूल मंदिर गिरा दिया गया. उत्तराखंड और हिमाचल में 14 से 17 जून लगातार भारी बारिश दर्ज की गई. उधर 16 जून को ग्लेशियर के ऊपर बादल फटने की घटनाएं हुई. बादल फटने के साथ ही केदारनाथ क्षेत्र में भयंकर बाढ़ आ गई. बाद में मूर्ति को 20 मीटर की ऊँचाई पर पुनर्स्थापित किया गया और प्रोजेक्ट शुरू किया गया.

नयी पुस्तक: बधाई एवं शुभकामनाऐं  

अब न रुकूँगी...... मीना शर्मा 


आप सभी से यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि 
मेरी पुस्तक 'अब ना रुकूँगी' के प्रकाशन का कार्य संपूर्ण हो चुका है। 
यह पुस्तक मेरी 55 कविताओं का संकलन है। पुस्तक अब आप सभी के लिए 
निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है -
http://www.bookbazooka.com/book-store/ab-na-rukungi.php
इस लिंक से ऑर्डर करके पुस्तक मँगाई जा सकती है।

एक विशेष आग्रह....
हम अपने प्रिय पाठकों को हर्षित हृदय से सूचित कर रहे हैं कि शनिवार दिनांक 14 जुलाई, रथयात्रा के दिन हमारे ब्लॉग का तीसरा वर्ष पूर्ण हो रहा है, इस अवसर पर आपसे आपकी पसंद की एक रचना की गुज़ारिश है 
आप कृपया शुक्रवार दोपहर तक दे देवें, हमारा तीसरा वर्ष 
यादगार वर्ष बन जाएगा....सादर

⚫⚫

हम-क़दम के सत्ताईसवें क़दम
का विषय...
...........यहाँ देखिए...........

आज के लिये बस  इतना ही। 
फिर मिलेंगे अगले गुरुवार। 
शुक्रवारीय चर्चाकार - आदरणीया श्वेता सिन्हा जी। 
रवीन्द्र सिंह यादव 

17 टिप्‍पणियां:

  1. मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद । आज की आपकी यह प्रस्तुति बेहतरीनहै। मीना जी को उनकी नयी पुस्तक के प्रकाशन पर हार्दिक बधाई
    धारादेवी मंदिर केविषय में जानकारी देने के लिए शुक्रिया ।

    जवाब देंहटाएं
  2. भाई रवीन्द्र जी
    बेहतरीन रचनाओ का अंक है ये
    शुभकामनाओं सहित
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बढ़िया संकलन. 'धारी देवी' पर फोटो ब्लॉग शामिल करने के लिए धन्यवाद. प्रो.जैसवाल की कविता सटीक लगी. मीना शर्मा को नई पुस्तक की बधाई.

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय हर्षवर्धन जोग सर

      हटाएं
  4. वाह!!रविन्द्र जी ,बहुत ही खूबसूरत संकलन ...सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक अभिनंदन ।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर संकलन बेहतरीन रचनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सुंदर संकलन, रविन्द्र जी। मेरी रचना प्रकाशित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  7. कृपया 14 जुलाई के अंक के लिए रचना कैसे भेजनी हैं ।यह बताइएगा।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. किसी भी प्रकार के संपर्क या सलाह या कोई रचना लिंक करवाने के लिये इस संपर्क प्रारूप का प्रयोग करें।
      नाम

      ईमेल *

      संदेश *

      इसी ब्लॉग पर लेफ्ट साइड में उपरोक्त संपर्क फॉर्म उपलब्ध है जिसके ज़रिये आप अपनी रचना हमें भेज सकते हैं.
      दूसरा विकल्प है-

      yashodadigvijay4@gmail.com

      हटाएं
  8. बहुत उम्दा हलचल प्रस्तुति ।
    सभी रचनाऐं लेख पठनीय सभी रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  9. संवेदनहीन होती व्यवस्था बेहद चिंतनीय है।
    शिक्षा जैसी अति आवश्यक विषय पर कम से कम प्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। इसी शिक्षा पर तो हमाए देश का भविष्य निर्भर है।
    सारगर्भित भूमिका और सुरुचिपूर्ण पठनीय रचनाओं से सजा सुंदर अंक बहुत अच्छा लगा आदरणीय रवींद्र जी।

    जवाब देंहटाएं
  10. बेहतरीन संकलन, मेरी पोस्ट को हलचल के मंच पर स्थान देकर मान देने हेतु हृदयतल से आभार !!!!

    जवाब देंहटाएं
  11. मीना दी को पुस्तक प्रकाशन हेतु बहुत बहुत बधाई। आप दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करें यही ईश्वर से कामना है।
    आज के अंक की सभी रचनाएं बहुत अच्छी लगी।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत उम्दा प्रस्तुति ।
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मीना जी को पुस्तक प्रकाशन हेतु बहुत बहुत बधाई।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...