जंगल...पंकज भूषण पाठक
पेड़ों से बनता जंगल
जंगल से होता मंगल
आश्रित है जनजीवन
सृष्टि का होता सृजन।
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शुभ प्रभात सखी
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त किन्तु सारगर्भित प्रस्तुति
पुरातन पोथी में पहले ही लिख दिया गया था
कि कलिकाल मे अराजकता व लूट-पाट का वर्चस्व रहेगा
बड़ी मछली का भोज्य पदार्थ है छोटी मछली
सादर
जिससे नकारात्मकता आये उससे थोड़ी दूरी बनाने की कोशिश की जानी चाहिए
जवाब देंहटाएंक्या जरूरी है कि अखबार सुबह ही पढ़ी जाए
बहुत बढ़ियाँ संकलन
सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंआज की इस अनुपम संकलन में मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए हलचल और आदरणीय श्वेता जी का विशेष आभार।
जवाब देंहटाएंआज के इस बेहतरीन संकलन में मेरी रचना का चयन मेरे लिये सम्मान की बात..... शुक्रिया आपका
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन
जवाब देंहटाएंउम्दा रचनाएँ
मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार
सुन्दर संकलन।
जवाब देंहटाएंआम हो चुके मुद्दों पर ठिठककर विचार करने का एहसास दिलाती प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंचयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंवाह!!श्वेता ,बहुत खूबसूरत प्रस्तुति !!सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर संकलन श्वेता जी।
जवाब देंहटाएं@न फूले तोरई, सदा न सावन होय, सदा न जीवन थिर रहे, सदा न जीवै कोय....इसको सत्य साबित करती ब्लागों की आज की स्थिति को प्राणवायु प्रदान करने की आपकी कोशिशों की जितनी सराहना की जाए कम है !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सारगर्भित बातों से सजी भूमिका के साथ सुंदर संकलन।सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
सुबह उठकर कुछ पल प्रकृति के साथ बिताएं और कुछ परम पिता के सुमिरन में..दुनिया तो सदा से ऐसी है ऐसी ही रहेगी..दृश्य के पीछे छिपे अदृश्य से दोस्ती बढ़ानी होगी..सुंदर संकलन रचनाओं का, आभार श्वेता जी !
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं सुकून देने वाली हैं आभार
जवाब देंहटाएंअखबार को अब सुबह का कलेवा न बना कर दोपहरी की चाय बनायें यानि पी तो पी नही तो चखी या आगे पीछे समयानुसार पी ली और सीधा मेरी तरह तीसरे पृष्ठ के बाद सरसरी निगाह से पढे और जो कुछ चित को आकर्षित करे उसे बिस्कुट समझ चाय मे हल्के से ड़ूबाडूबा कर प्रेम से गटक लें और चाय के साथ खत्म बात ।
जवाब देंहटाएंश्वेता सुंदर भुमिका सुंदर लिंक चयन सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बधाई ।
प्रिय श्वेता -- बहुत उम्दा संकलन | सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें |
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