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रविवार, 14 जनवरी 2018

912...संवेदनाशून्य होते समाज का यह सच

शुभ अभिनन्दन!



ठिठुरती ठण्ड में नववर्ष की उमंगों के बाद लोहड़ी व पोंगल-मकर सक्रांति की सांस्कृतिक अग्निपूजा का यह पर्व सभी के दिलों में नव-ऊर्जा, नवीन उत्साह, नई सचेतनता व उमंगों का पिटारा लिए आप के आँगन में दस्तक दे रहा है।  लोहड़ी का अलाव आप सभी के हृदयों में भीनी महक भरे, मकरसक्रांति व पोंगल का उतरोत्तर बढ़ते दिनों की ओर चढ़ते वर्ष 2018 का दमकता सूर्य आप सभी के जीवन में नई नवेली खुशियों व सफलताओं की रोशनी भरे एवं साहित्य के क्षेत्र में आप की मौलिक कल्पनाएँ नए क्षितिजों की तलाश में उड़ान भरें।
आज एक उल्लास और...
 हमारे और आपके प्रिय चर्चाकार 
भाई रवीन्द्र सिंह का जन्म दिन भी आज ही है
खूब सारी बधाइयाँ

सादर अभिवादन....
आइए अब दौड़ चलें पसंदीदा रचनाओँ की ओर.....


सर्दियों की धूप....रश्मि शर्मा
धूप का स्पर्श 
कुछ अलग होता है ...
बेचैनियों को धीरे-धीरे सोखता हुआ.....
अपनी जड़ों से जोड़ता हुआ....

जीवन साथी.........विभा ठाकुर
अब सौप दिया हैं जीवन का
हर भार तुम्हारे हाथों में
जीवन तो दर्पण है मेरा
उस दर्पण को पढना सीखो
मुश्किल तो आता-जाता है
पर रिश्ता सदा निभाना है.


आजकल कहाँ रहता हूँ मैं....रौशन जसवाल विक्षिप्‍त
पूछते हो अब कहां रहता हूँ मैं 
जहां कोई नहीं वहीं रहता हूँ मैं । 

भीड़ है, लोग हैं सब ही तो हैं यहां, 
एकाकी हूँ खामोशी से बहता हूँ मैं । 


तेरे नेह में.....श्वेता सिन्हा
मोहनी फेरी कौन सी तुमने डोर न जाने कैसा बाँधा
तेरे सम्मोहन के मोह में सुध-बुध जग भी भूल गयी

मन उलझे मन सागर में लहरों ने लाँघें तटबंधों को
सारी उमर का जप-तप नियम पल-दो-पल में भूल गयी


बदल गए हालात...शशि पुरवार
अम्बर जितनी ख्वाहिशें,सागर तल सी प्यास 
छोटी सी यह जिंदगी, न होती उपन्यास 

पतझर में झरने लगे, ज्यों शाखों से पात 
ममता जर्जर हो गयी , देह हुई संघात 


समाचार पढ़ा..... रवीन्द्र सिंह यादव
"बेटे   ने   सर्द   रात  में   बाप   को  घर  के   बाहर   सुला  दिया " 
संवेदनाशून्य   होते   समाज  का
यह  सच
अब   किसी   आवरण   में  नहीं   ढका   है,
अंतर्मन  आज    सोच-सोचकर   थका    है,
अपनी   ही  लाश  ढोता  आदमी,
अभी   नहीं  थका    है।
तल्खियाँ....मीना शर्मा
अपनी साँसों का गला, घोंटा किए हर एक पल
दिल लगाने की सज़ा, इस तरहा पाई दोस्तों !

यूँ लबों को मुस्कुराने की, ये आदत डाल दी
बहती आँखें, क्यों किसी को दें दिखाई दोस्तों !

चलते-चलते सभी को मकर संक्रान्ति की शुभ कामनाएँ
सादर....
....... यशोदा




18 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात दी,
    वाह्ह्ह....सुंदर भूमिका लिखी आपने दी।👌
    आदरणीय रवींद्र जी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    हर दिन हर पल खास रहे प्रभु का आशीष बरसता रहे यही कामना है।
    दी सारी रचनाएँ बेहद उम्दा है। बहुत सुंदर और खास है आज का अंक।
    मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ सभी को।
    सुंदर संकलन में री रचना को स्थान देने के अति आभार आपका दी। साथी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  2. लाजवाब प्रस्तुतिकरण के साथ उम्दा लिंक संकलन....
    मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
    जन्मदिन की शुभकामनाएं रविन्द्र जी को....

    जवाब देंहटाएं
  3. मकर संक्रांति की अक्षय शुभकामनाएं आपलोगों को
    हार्दिक बधाई के साथ जन्मदिन की असीम शुभकामनाएं रविन्द्र जी को।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर भूमिका के साथ उम्दा लिंकों का चयन बहुत बढिया.सभी रचनाकारों को बधाई..
    जन्मदिन की शुभकामनाएँ रवीन्द्र जी को।

    जवाब देंहटाएं
  5. जन्मदिन की अशेष शुभकामनायें, रविंद्रजी!

    जवाब देंहटाएं
  6. संक्रान्ति पर्व की शुभ कामनाएँ....
    भाई रवीन्द्र जी को उनके अवतरण दिवस पर अशेष शुभकामनाएँ.....
    बेहतरीन रचनाएँ पढ़वाई आपने...
    आभार...

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति। शुभकामनाएं रवींद्र जी के लिये उनके जन्मदिवस पर।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही बेहतरीन.....
    संक्रान्ति की शुभ कामनाएँ....
    पार्टी भी होगी....
    रविन्द्र भाई को उनके जन्मदिन पर बधाइयाँ
    आदर सहित...

    जवाब देंहटाएं
  9. सुन्दर रचनाएँ....
    संक्रान्ति पर्व की शुभ कामनाएँ
    रविन्द्र भाई को बधाइयाँ
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  10. 👌👌👌👌सुंदर संकलन
    मकर सँक्रान्ति की शुभकामना
    🙏

    जवाब देंहटाएं
  11. सुंदर रचनाओं का संकलन ! सादर आभार मेरी रचना को सम्मिलित करने हेतु ! आदरणीय रवींद्रजी को उनके जन्मदिवस पर अनंत शुभकामनाएँ । सभी रचनाकारों एवं चर्चाकारों को मकरसंक्रांति पर्व की शुभेच्छाएँ ।

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत ही उम्दा संकलन .सभी रचना‎कारों एवं चर्चा‎कारों को मकर संक्राति की शुभकामनाएँ . रविन्द्र जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभ‎कामनाएँ .

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुंदर भुमिका के साथ भिन्न रंगों का संगम,
    मन भावन प्रस्तुति ।
    सभी चयनित रचनाकारों को सादर बधाई।
    भाई रविन्द्र जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  14. आदरणीय यशोदा दी -- बहुत ही अच्छा संकलन भावपूर्ण भूमिका | और सांसे बढकर आदरणीय रविन्द्र जी का जन्मदिवस | अनंत शुभकामनाये | जन्मदिन की अनुपम बेला पर उन्हें अनंत शुभ कामनाएं | आजके पावन दिन ये जन्मदिन अपने आप में खास है | सूर्य का शुभता में भ्रमण आपकी रचनात्मकता को नए आयाम दे |और सभी साहित्य मित्रों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं | सूर्य के उत्रायण में भ्रमण के साथ साहित्य समाज में भी सौहार्द और स्नेह के नए आयाम स्थापित हों यही कामना है | आज के सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई और आपको भी आजके आयोजन की सफलता पर बहुत बधाई |

    जवाब देंहटाएं
  15. आज की प्रस्तुति अपना चयन कौशल प्रदर्शित कर रही है। मेरे लिए आज का अंक और भी ख़ास बन गया आप सब के साथ जन्म दिवस की ख़ुशियाँ कई गुना बढ़ गयीं। इस अवसर पर मेरी रचना लिंक करने के लिए और जन्म दिवस को ख़ास बना देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीया यशोदा बहन जी।
    आप सभी का तह-ए-दिल से शुक्रिया स्नेहमयी शुभकामनाऒं के लिए।
    सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।

    जवाब देंहटाएं
  16. यशोदा जी और रविंद्र जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई। बहुत बढ़िया हलचल। सभी मित्रों को मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएँ। मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  17. सर्व प्रथम रविन्द्र जी को जन्मदिन की बधाई मै आप का जन्मदिन कभी नही भूलूँगी क्योंकी आज मेरे बेटे का भी जन्मदिन होता है ...
    प्रस्तुती हमेशा की तरह सुंदर है ...मकर संक्रांती के पर्व ने इस मे और मिठास घोल दी

    जवाब देंहटाएं

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