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रविवार, 7 जनवरी 2018

905.....नारी ही नारी की दुश्मन

नए वर्ष का पहला सप्ताहांंत
माहौल गमनीन रहा...
बेमतलब लोग ज़श्न मनाते रहे
बहरहाल शुरुआती कदम कुछ अच्छे नही थे
अगला कदम हमें सम्हालकर रखना होगा.......
सादर अभिवादन.....
शुरुआती पंक्तियाँ.....


माना कि इस दुनिया में हर शख्स ठोकरों से पला है,
दिमाग वालों की दुनिया में दिल ढूँढना भी एक कला है !!

अब चलिए चलते हैं ...शुरु करते हैं रचनाओं का दौर....


आज फिर.....श्वेता सिन्हा
तुम्हारी एक नज़र को
दिल बहुत तड़पता है।
तुम्हारी बातें टाँक रखी हैं
ज़ेहन की पगडंडियों में
अनायास ही तन्हाई में
मन उन्हीं राहों पर चलता है।



लबों की हसीं को....कुसुम कोठारी
कुछ हर्फ रख छोडे थे दिल मे छुपा के
हाजिर करेगें आपको नई गजल बना के

दिल सारंगी मे जल तरंगी तरन्नुम होगी
आपके लबों पे जब जब तब्बसुम होगी


अँधेरे चारों तरफ़...... राहत इन्दौरी
लहूलोहान पड़ा था ज़मीं पे इक सूरज
परिन्दे अपने परों से हवाएँ करने लगे

ज़मीं पे आ गए आँखों से टूट कर आँसू
बुरी ख़बर है फ़रिश्ते ख़ताएँ करने लगे

 
हाइकु - मुक्तक....विभा रानी श्रीवास्तव
जपानी विधा में लिखी गई 
17 अक्षर और 3 पंक्तियों की 
व्यापक अर्थ लिए कविता को ही 
हम चार पंक्तियों में एक भाव पर 
चार हाइकु लिखें तो बनेगा।


चकनाचूर.....चेतन रामकिशन "देव"
"देव " मेरे हंसमुख चेहरे को,
यों बेनूर किया है तुमने। 
बेदर्दी से ख्बाव मेरा हर,
चकनाचूर किया है तुमने। "


क्यों बनती है नारी ही नारी की दुश्मन...ज्योति देहलीवाल
इसलिए बनती है नारी ही नारी की दुश्मन.....दरअसल अपना जीवन विभिन्न बंदिशों में रह कर बिताने के कारण बुजुर्ग महिलाएं बदलते परिवेश में अपने-आप को ढाल नही पाती। उन्हें लगता है, बचपन में उनके माता-पिता ने जो बंदिशे उन पर लगाई थी, वे ही बंदिशे वे भी स्वयं की बेटियों पर लगायेंगी तो उनकी बेटियां सही राह पर चल सकेंगी!

आज..
अब...
बस...
दिग्विजय
 


13 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभातम् आदरणीय सर,
    कम शब्दों में सारगर्भित बातें कह गये आप। देश और दुनिया में बहुत कुछ हो रहा।
    बहुत सुंदर रचनाओं का गुलदस्ता तैयार किया है आपने।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए अति आभार आपका।
    सभी साथी रचनाकारों को बधाई एवं शुक्रिया।

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात...
    वाह...
    बेहतरीन
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  4. सस्नेहाशीष संग शुक्रिया अनुज
    भूमिका प्रस्तुतीकरण लाजबाब

    जवाब देंहटाएं
  5. जी आदरणीय सुप्रभात।

    दिल बिकते गये बेमोल
    दिमाग वालों की हाट मे।

    लाजवाब शुरूआत गागर मे सागर
    सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को स्थान देने के लिये तहे दिल से शुक्रिया, सभी चयनित साथी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण

    जवाब देंहटाएं
  7. सभी रचनाएं बहुत ही अच्छी हैं। मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  8. सटीक भूमिका के साथ सार्थक सरस रचनाओं से सुसज्जित ख़ूबसूरत प्रस्तुति।
    बधाई।
    इस अंक में चयनित सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  9. अति अति आभार सुंदर संकलन ..🙏
    इंदौरी ज़ी की नज़्म के लिये विशेष धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  10. सादर संदेश दिया है अग्रलेख में - अभी कुछ समय पहले एक संदेश आया व्हाट्स अप पर, मजेदार है।
    Mysterious Indian society :

    on 01 Jan people send millions of happy, peaceful, healthy and prosperous new year messages. And
    on 02 Jan same Indians throw stones , set fire, damage vehicles.
    On 03 Jan life is disrupted and ....

    by 14 Jan same Indians will say Tilgul ghya goad goad bola. (महाराष्ट्र में मकर संक्रांति पर दिया जाने वाला बधाई संदेश- तिळगूळ घ्या, गोड गोड बोला यानि तिलगुड़ की तरह मधुर व्यवहार से रहें)

    On 26 Jan all will sing Saare Jahaan se accha.

    Kya sochte hai aur kya karte hai !!

    आज के संकलन में दी गई सुंदर रचनाओं के लिए सादर आभार !!!

    जवाब देंहटाएं
  11. शुभ संध्या सुंदर प्रस्तुति आभार आपका

    जवाब देंहटाएं

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