एक गीत याद आ रहा है
बोल है....
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
शायद अंत में इसका लिंक भी रख दूँ
सभी के पग लड़खड़ा रहे हैं...
26 और कदम बाकी है...
हमारे श्रीमान जी कहते हैे..कर सको कुछ अच्छा
तो कर डालो...नहीं तो..जैसा चल रहा है
चलने दो..हम जब तक जिएँगे..तब तक प्रस्तुतियाँ बनाएँगें
चलिए चलें आज की पढ़ी रचनाओं की ओर...
विभा दीदी...
हमारे पिता (मेरे पिता + मेरे पति के पिता) बेहद सरल इंसा थे
डॉ. जेन्नी शबनम....
डॉ. विकास बाबा आमटे
नीबू के छिलके में ५ से १० गुना अधिक विटामिन सी होता है
और वही हम फेंक देते हैं। नींबू के छिलके में शरीर कॆ
सभी विषैले द्रव्यों को बाहर निकालने कि क्षमता होती है।
नीबू का छिलका कैंसर का नाश करता है इसका छिलका कीमोथेरेपी से 10,000 गुना अधिक प्रभावी है
शीर्षक कथा
चलते-चलते पता ही नहीं चला
पर अब कुछ नहीं हो सकता
सूचनाएँ जा चुकी है,,
आज्ञा दें...यशोदा को
रुक जाना नहीं...
चलना जारी रहे । शुभकामनाएं । सुन्दर सोमवारीय अंक ।
जवाब देंहटाएंहौसला दिया
हटाएंआभारी हूँ
बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति हेतु आभार।
जवाब देंहटाएंआभार...दीदी
हटाएंसादर
वापस बहुत दिनों बाद हुई हूँ , लेकिन हलचल को उसी तरह सब पर नजर रखते हुए पाया बहुत खुशी हुई । बढ़िया प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंवापसी पर शुभ कामनाएँ..
हटाएंआभारी हूँ
सादर
सुन्दर लिंक संयोजन :) मेरी रचनाओ को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार :)
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