देखते ही देखते साल गुज़र गया
लगता था रास्ता लम्बा है
अब तो सामने मील का पत्थर भी
दिखाई पड़ने लगा है....
आज लगता है कुछ पढ़ ही नही पाई
सामने जलेबी दिख गई
मगन हो गई उसी में....
-विभा रानी श्रीवास्तव उवाच
बस भी कर यशोदा
गिनती भूल गई क्या
........
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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सुप्रभात
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
... http://HindistoryWeb
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंसस्नेहाशीष छोटी बहना
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
बहुत सुन्दर । गिनती जारी रहे :)
जवाब देंहटाएंआभार..
हटाएंसादर
यशोदा
शुभप्रभात...
हटाएंआभार सर आप का...
कोशिश तो यही है गिनती जारी रहे...
बढ़िया हलचल प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबढ़िया हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअच्छे है सभी सूत्र ...
जवाब देंहटाएंआभार मुझे शामिल करने का ...
अच्छी पोस्ट !
जवाब देंहटाएंहिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
कभी भूलना भी सुखद रहता है , चाहे किसी और के लिए ही सही ...
जवाब देंहटाएंआभार !