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गुरुवार, 21 अगस्त 2025

4487...फूल के ऊपर लिखेंगे तितलियों की जीत...

सादर अभिवादन।

गुरुवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ।

आइए पढ़ते हैं पाँच पसंदीदा रचनाएँ।

शायरी | तिजारत | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

मुहब्बत  के  रिश्ते  तिजारत  हुए हैं

सभी  चाहते  हैं  नफ़ा  ही  कमाना

 *****

एक गीत -गा रहा होगा पहाड़ों में कोई जगजीत

रेत में

पदचिन्ह होंगे

या मिटे होंगे,

बेर से

लड़कर

हरे पत्ते फटे होंगे,

फूल के

ऊपर लिखेंगे

तितलियों की जीत.

*****

नचिकेता

माँ कहती थीं-दक्षिण में पैर करके नहीं सोते

यमराज की दिशा है

पर मेरी नीदों के मन में  तो मानो कोई नचिकेता समा गया है

*****

मेरी मटकी से

कान्हा माखन न ..........

तूमने भी खाया बलराम को खिलाया,

बाल सखा संग राधा को खिलाया,

किया तुमने लड़ाई  मेरी छुटकी से।

*****

सुनीता विलियम्स का चौंकाने वालाखुलासा

जब मैं मृत्यु की प्रतीक्षा कर रही थी, तो मैंने कंप्यूटर खोला और सोचा कि एक दिन बाइबिल पढ़ूँगी। पहले भी कई बार पढ़ चुकी थी, पर एक पन्ना पढ़ते ही ऊब गई। फिर मन हुआ कि रामायण और श्रीमद्भगवद्गीता दोबारा पढ़ूँ। (लगता है अब यह मुझे कोई शक्ति प्रदान कर रहा था।) मैंने (अंग्रेज़ी अनुवाद) डाउनलोड करके पढ़ना शुरू किया। 10-15 पन्ने पढ़ने के बाद मैं आश्चर्यचकित रह गई। उसमें गर्भ विज्ञान, समुद्र और आकाश का अद्भुत वर्णन था। मुझे लगा यह संसार को बताना चाहिए।

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 


6 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर अंक
    हमारे श्रीमान जी ने अपना एक कूल्हा तोड़ लिया
    बाथरूम में रेनडांस कर रहे थे
    चलिए आराम कीजिए, सप्ताह भर
    सादर वंदन

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह! अनुज रविन्द्र जी ,शानदार अंक ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम

    जवाब देंहटाएं
  4. आपका बहुत बहुत आभार. सादर अभिवादन भाई

    जवाब देंहटाएं

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