२०२४ कलैंडर वर्ष की अंतिम
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन।
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यूँ तो हर दिन नया, हर पल नवीन है। समय के घूमते पहिये में तारीखों के हिसाब से फिर एक साल जा रहा है और नववर्ष दस्तक दे रहा है।
वक्त के पहियों में बदलता हुआ साल
जीवन की राहों में मचलता हुआ साल
चुन लीजिए लम्हें ख़ुशियों के आप भी
ठिठका है कुछ पल टहलता हुआ साल
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वर्ष भर का हिसाब-किताब
सारे महीनों के क्रियाकलाप,
रंग,धूप,सीलन नमी गुनता
अपने हिस्से की ओस चुनता,
भारी स्मृतियों के थैले लादे
नयी उम्मीद के करता वादे,
भावहीन समय की सीढ़ी उतरते
दर्द की परतें छिल रहा है
साल चौबीस के कैलेंडर में
दिसंबर बचे लम्हे गिन रहा है...।
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आज की रचनाएँ-
देखो नज़दीकियाँ भी
आज हुईं ओझल
सँझा को सांसे भी
लगतीं हैं बोझल
मौसम भी दे यातना
मन है अनमना !
अब मेज़बां के पास तो कुछ भी बचा नहीं,
दिल की तमाम हसरतें मेहमान ले गया.
अब लोग पूछते है बताओ तो कौन था ?
जो जिस्म छोड़कर के मेरी जान ले गया.
"आज जो मैंने स्कूल में देखा तो मुझे लगा कि तुम्हें अपने बच्चों के कारण मुझसे ज्यादा महत्व मिल रहा है, तो फिर इससे अच्छा है मैं तुम्हें काम से अलग कर दूँ ताकि कल को सोसायटी वाले ये न कहें कि मेरा बच्चा मेरी ही नौकरानी के बच्चे से पीछे हो गया।"
प्रदूषण फैला धरा से अंबर तक
मैला मैला सा आवरण धरा का
भटक रहे धूमिल गगन में पंछी
छटपटाहट में वसुधा पर जीवन
कैसे बचें रोगों से अब हम सब
यह शहर अपना है धुआँ धुआँ
हवाओं में जहर है भरा हुआ
प्रेम, समर्पण, विडंबना
दैला जहां पहुँच कर रुकी वहां लिखा था - "मैडम सोफ्रोनी - सभी प्रकार के केश प्रसाधनों की विक्रेता"। दैला लपककर एक मंजिल जीना चढ़ गई और अपने-आपको संभालते हुए सीधे दुकान की मालकिन से पूछा कि क्या आप मेरे बाल खरीदेंगी ? महिला ने कहा, "क्यों नहीं, यही तो हमारा धंधा है। जरा अपना हैट हटाकर मुझे आपके बालों पर एक नजर डालने दीजिये।" दैला ने हैट हटाया, महिला ने अपने अभ्यस्त हाथों में केश राशि को उठा उसका आकलन कर कहा "बीस डॉलर।" "ठीक है। जल्दी कीजिये," दैला बोली।
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आज के लिए इतना ही
मिलते हैं अगले अंक में ।
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सुंदर चयन
जवाब देंहटाएंआभार
सादर वंदन
सुप्रभात ! सराहनीय रचनाओं के लिंक्स, आभार
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