वर्ष 2024 के विदाई अब से
ठीक 10 दिन बाद
हम वर्ष 2025 का स्वागत करेंगे
तब तक हमारी इसी तरह की
दो प्रस्तुतियां और आ जाएगी
एक नई पहल
बंद ब्लॉगों को
ऑक्सीजन का प्रदाय
रचनाए भी देखेंः-
चला बिहारी ब्लॉगर बनने
आदरणीय सलिल जी वर्मा
सलिल वर्मा,वल्दः शम्भु नाथ वर्मा,
साकिनः कदम कुँआ, पटना,
हाल साकिनः भावनगर, गुजरात हम तीन माँ के बेटा हैं,बृज कुमारी हमको जनम देने वाली,पुष्पा अर्याणी हमरे अंदर के कलाकार को जन्म देने वाली,अऊर गंगा माँ जिसके गोदी में बचपन बीता अऊर कॉलेज (साइंस कॉलेज/पटना विश्वविद्यालय) की पढाई किए.बस ई तीन को निकाल लिया तो हम ही नहीं रहेंगे.
ये ब्लॉग अक्टूबर 2020 से बंद है
बड़ी बेसब्री से इन्तजार करते थे लोग
जब आप ठेठ बिहारी भासा मे लिखते थे
पढ़िए उनका एक रचना
आज एतना दिन के बाद जब अपना ब्लॉग पर आए, त ब्लॉग भी हमको लॉग-इन करने नहीं दे रहा था.
बहुत समझाए बुझाए तब जाकर हमको अंदर आने दिया. अंदर जाकर देखे त लगबे नहीं किया
कि हमरा अपना घर है. सबकुछ बदला हुआ, गोड़ थरथरा रहा था अऊर आवाज काँप रहा था.
एक साथ नौ साल पुराना लोग का तस्वीर दीवार पर देखाई देने लगा, सबका बात सुनाई देने लगा,
बिछड़ा हुआ लोग याद आने लगा. ई बात नहीं है कि लोग बदल गया है, लोग आज भी ओही हैं,
ऊ लोग से सम्बंध भी ओही है, लेकिन ऊ जगह जहाँ प्रेम से बइठकर बतियाते थे,
ऊ जगह बदल गया
श्री महेन्द्र वर्मा
ब्लॉगः शाश्वत शिल्प
तात्कालिक प्रस्तुति
समर भूमि संसार है
2022 में
कोमा में है पर
ब्लॉग उम्मीद तो है
रचना देखिए ,,
विपदा को मत कोसिए,
करती यह उपकार,
बिन खरचे मिलता विपुल,
अनुभव का उपहार।
हुए महत्ताहीन,
छल-प्रपंच करके सभी,
धन के हुए अधीन।
मेरे विचार मेरी अनुभूति
ये ब्लॉग है 2012-2022
दो लाख बहत्तर हजार हजार ब्लॉग व्यू
आदरणीय श्री कालीपद प्रसाद जी
का आत्म कथ्य
अपने स्कूल के दिनों से मुझे पढने , लिखने और अध्यापन में रूचि थी. रामायण , महाभारत जैसे धार्मीक पुस्तके पढने तथा कविता पढने एवं लिखने में मेरी विशेष रूचि थी. कालेज की पढाई समाप्त कर मैंने अध्यापन के पेशे को चुना . इसमें मैं सेवानिवृत्त के अंतिम दिन तक पूर्ण रूप से आनंद का अनुभव किया . मैं केंद्रीय विद्यालय संगठन से प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुआ . किशोर एवं युवा बच्चों के साथ रहकर मैंने हमेशा युवा एवं उर्जावान महसूस किया है. सेवानिवृत्त के बाद लिखने ,पढने ,आध्यात्मिक कार्य एवं योगाभ्याश में अपने समय के सबसे अधिक भाग व्यतीत करते है.मैं "स्वांत सुखाय" लिखता हूँ . लेकिन हाल ही में ब्लॉग में अच्छे अच्छे कवियों एवं लेखकों की रचनाएँ मूझे देखने को मिली . उनकी कृतियों का प्रकाशन देख कर मूझे अपने कृतियों का प्रकाशन कर भारत के बौद्धिक एवं संवेदनशील वर्ग से साझा करने की प्रेरणा मिली .तब मैंने अप्रैल २०१२ में अपना ब्लॉग "मेरे विचार मेरी अनुभूति" के नाम से शुरू किया . आशा है प्रबुद्ध पाठकों की आलोचना ,सुझाव ,प्रशंसा मुझे आगे बढ़ने में मदद करेंगे
छुपके चुपके खामोश षड़यंत्र
रचा जा रहां है,
तिल-तिल आहत संविधान
हिंसा द्वेष से
प्रजातंत्र जल रहा है |
ब्लॉगः पहल
करुणा सक्सेना
ग्वालियर निवासी
छोटी उमर का ब्लॉग
2016 से 2021
पढ़िए एक रचना
ऐ बसन्ती पात पीले, हाथ पीले मैं चली,
बिछ गई रौनक सजीली, है छबीली हर कली ।
आम पर नव बौर आई, ठौर पाई रीत की,
रात कोयल गुनगुनाई, राग डोली प्रीत की ।
ब्लॉगः anupama's sukrity
श्रीमति अनुपमा त्रिपाठी
दिल्ली निवासी
एम् .ए(अर्थशास्त्र)में किया.(महाविद्यालय)में पढ़ाया .आकाशवाणी में गाया और
फिर सब सहर्ष छोड़ गृहस्थ जीवन में लीन हो गई .अभी भी लीन हूँ
किन्तु कुछ मन में रह गया था जो उदगार पाना चाहता था .अब जब से लिखने लगी हूँ
पुनः गाने लगी हूँ ...मन प्रसन्न रहता है .परिवार ...कुछ शब्द और एक आवाज़ .....
बस यही परिचय है ....आप सभी मित्रों से स्नेह की अभिलाषा है .....
इनके ब्लॉग की एक रचना
भावों की चहकन में
गुंथी हुई .....
शब्दकार के शब्दों में
जब अनगढ़ से भावों को
गढ़ती है
तब
मेरी कविता मुझसे
शब्द शब्द कहती है !!
अब मिलूंगा शनिवार को
सादर वंदन
व्वाहहहहहह
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक
आभार
सादर वंदन
ब्लॉग "मेरे विचार मेरे अनुभूति" के चिट्ठाकार कालीपद जी अब इस संसार में नहीं हैं | ये बंद ब्लॉग नहीं है |
जवाब देंहटाएंदिवंगत ब्लॉगर्स को भी याद करत हुए पोस्ट बनाई जा सकती है |
जवाब देंहटाएंhttps://www.facebook.com/photo/?fbid=2002847629863638&set=a.548920145256401