दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
निवेदन।
---
फ़ॉलोअर
शनिवार, 23 नवंबर 2024
4316 ..इस अंक में दो टके का दो टूक
3 टिप्पणियां:
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
Sundar
जवाब देंहटाएंसहमत .. पर .. एक कम क्यों 😢
हटाएंजी ! .. सुप्रभातम् सह सादर नमन संग आभार आपका .. हमारी बतकही को अपनी प्रस्तुति में पिरोने के लिए ...🙏
जवाब देंहटाएंआपकी आज की प्रस्तुति की भूमिका के केन्द्र में विराजमान हमारी बतकही के संदर्भ में बतला दूँ कि 😀 आप को उद्विग्न होने की कतई भी आवश्यकता नहीं है महाशय जी .. क्योंकि ..
"दो टके का दो टूक - (३) ही इस बतकही का तीसरा और अंतिम भाग है, जिसे आज ही साझा करने वाले हैं हम .. शायद ...
पर हाँ .. एक बात और कि "पुंश्चली" वाली बतकही का अभी समापन नहीं हुआ है .. उसको अभी भी .. और भी विस्तार मिलना है शेष है ..अगर इस ठठरी वाले पिंजर की साँसें शेष बची रही तो .. शायद ...
फ़िलहाल तो "पूँछ हिली" (आपके कथन के अनुसार) की बतकही छोड़ कर "पूँछ हिलाने" वाले के प्रति पूजन, आदर- सम्मान नहीं तो .. कम से कम दयाभाव हम अपने मन में पनपा लें तो .. यही काफ़ी है .. बस यूँ ही ...