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गुरुवार, 14 सितंबर 2023

3880...निज भाषा उन्नति अहे, सब उन्नति को मूल...

सादर अभिवादन। 

आज हिंदी-दिवस है। समस्त हिंदीभाषियों और हिंदीप्रेमियों को 'हिंदी-दिवस' की अनंत शुभकामनाएँ। 

हाल ही में संपन्न हुए समूह-20 सम्मलेन के दौरान विदेशियों को हिंदी में साक्षात्कार देते हुए,वार्तालाप करते हुए देख-सुनकर हमें जो आनन्द प्राप्त हुआ वह अवर्णनीय है। भारत में अँग्रेज़ी भाषा के प्रति मोह अब मजबूरी भी बन चुका है क्योंकि यह रोज़गार से जुड़ा मुद्दा है। मेरा आग्रह है कि हिंदी को सरलतम बनाने के यत्न व्यापक पैमाने पर हों क्योंकि  लोचदार भाषा ही स्वतः विस्तार करती है। विदेशी लोग हिंदी इसलिए सीख रहे हैं क्योंकि उन्हें भारत को गहराई से समझने में आसानी होगी ताकि वे अपने छद्म मक़सद को भी पूरा कर सकें। 

*****      

गुरुवारीय अंक में पढ़िए पाँच पसंदीदा रचनाएँ-

आखिर कब तक राष्ट्रभाषा के पद पर सिंहासनारूढ़ होगी हमारी हिन्‍दी

राष्ट्रभाषा के बिना किसी भी राष्ट्र की उन्नति अधूरी है। अपनी राष्ट्रभाषा के प्रयोग से जो आत्मीयता का बोध होता हैवह किसी दूसरी भाषा से नहीं हो सकता है। तभी तो भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी कहते हैं कि-

निज भाषा उन्नति अहेसब उन्नति को मूल।

बिनु निज भाषा ज्ञान केमिटे न हिय को शूल।।

राष्ट्रभाषा राष्ट्र की आत्मा का प्रतीक है। हमारे साथ स्वतंत्र होने वाले पाकिस्तान ने उर्दू को राष्ट्रभाषा घोषित किया तो तुर्की के जनप्रिय नेता कमाल पाशा ने स्वतंत्र होने के तत्काल पश्चात् वहां तुर्की को राष्ट्रभाषा बना दिया।

व्यथा

मैंने जिद्द ठानी बाहर पढ़ने की

किताबों को सच्चा साथी समझा

मन पर नियंत्रन बनाए  रखा

आगे  बढ़ने की कसम खाई |

काग़ज़ की कश्तियाँ


ले

आया

कितनी

ढेर सारी

मुस्कुराहटें

और थमा गया

कागज़ की कश्तियाँ

और ढेरों मस्तियाँ

दूर और पास

हो सकता है

साथ रहने पर दूर हो जाते दिल से

वे दू….र थे इसलिए.. निकट थे

यदि आ जाते निकट

तो शायद…..

समीक्षा -- है न -

मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह जिसमें प्रेम के विविध रंग बड़ी ख़ूबसूरती से समेटे हुए है मुकेश कुमार सिन्हा बेहद संवेदनशील कवि है।वे विज्ञान के विद्यार्थी रहे है उन्होंने प्रेम के अनेक रूपों को गणितीय अंदाज़ में प्रस्तुत करके एक नया प्रयोग किया है. प्रेम की कोमल संवेदनशीलता, प्रेम का अपवर्तनांक नामक कविता , प्रेम के हर त्रिकोण व समय को रेखांकित कर रही है।

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फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

 


6 टिप्‍पणियां:

  1. हिन्दी दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएं
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. हिंदी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ..सुंदर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें। मेरी ब्लॉग पोस्ट को हलचल प्रस्तुति में शामिल करने हेतु धन्यवाद,आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. हिन्दी दिवस पर सभी रचनाकारों व पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएँ ! पठनीय रचनाओं से सजे अंक में 'मन पाये विश्राम जहां' को स्थान देने हेतु आभार रवींद्र जी !

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज का अंक ! मेरी रचना को इसमें स्थान दिया आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रवीन्द्र जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  6. हिंदी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं🌹🌹🌹

    जवाब देंहटाएं

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