।। प्रातः वंदन।।
मेरी खरी और तेरी खोटी,
इसमें जीवन बीता।
इसी उलझन में फंसे रहे,
कौन हारा, कौन जीता।
छोड़ो बक- बक,
हो जा चुप अब।
❄️
सागर बुला रहा है निकलने तो दे मुझे.तू
बर्फ से पानी में बदलने तो दे मुझे.
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
।। प्रातः वंदन।।
मेरी खरी और तेरी खोटी,
इसमें जीवन बीता।
इसी उलझन में फंसे रहे,
कौन हारा, कौन जीता।
छोड़ो बक- बक,
हो जा चुप अब।
❄️
सागर बुला रहा है निकलने तो दे मुझे.तू
बर्फ से पानी में बदलने तो दे मुझे.
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शानदार अंक
जवाब देंहटाएंआभार आपका
सादर
सुंदर हलचल … आभार मेरी ग़ज़ल को शामिल करने के लिए …
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संकलन
जवाब देंहटाएंधन्यवाद पम्मी जी मेरे ब्लॉग के लिंक को यहाँ साझा करने के लिए।
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक का अप्रतिम आभार।
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