एक बार की बात है सर्दियों के दिन थे, ठंड बहुत ज्यादा थी। एक नन्हीं चिड़िया खाने की तलाश में उड़ती हुई दूसरे प्रदेश जा रही थी परंतु अत्यधिक ठंड के कारण उसका खून जमने लगा और वह एक मैदान में गिर पड़ी। वहाँ घास खाती एक गाय ने उस चिड़िया पर गोबर कर दिया। गोबर की गर्मी ने चिड़िया को सुकून से भर दिया और वह खुश होकर जोर-ज़ोर से गाने लगी। तभी वहाँ से एक बिल्ली गुज़र रही थी चिड़िया की गाने की आवाज़ सुनकर वह ठिठक गयी और ध्यान से सुनने लगी चिड़िया की आवाज़ कहाँ से आ रही है, उसने गोबर के ढ़ेर को हटाया और चिड़िया को बाहर निकाला और खा गयी।
इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि
आपके ऊपर गंदगी फेंकने वाला हर कोई आपका दुश्मन नहीं होता और
आपको.गंदगी से निकालने वाला हर व्यक्ति आपका दोस्त नहीं होता।
जी ! .. सुप्रभातम् सह नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को इस मंच पर अपनी आज की प्रस्तुति में मेरी बतकही को स्थान प्रदान करने हेतु .. हर बार की तरह आपकी भूमिका में कोई ना कोई संदेशपरक वक्तव्य होने की तरह आज भी एक अनूठा संदेश है .. शायद ...
शानदार प्रस्तुति प्रिय श्वेता कहानी बहुत बार सुनी थी पर आज वाला अहसास कभी नहीं हुआ बस बाल मन की सहज प्रतिक्रिया होती थी, बहुत सुंदर अंक सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई, सभी रचनाएं पठनीय सार्थक। मेरी रचना को प्रस्तुत करने के लिए हृदय से आभार। सादर सस्नेह।
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जी ! .. सुप्रभातम् सह नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को इस मंच पर अपनी आज की प्रस्तुति में मेरी बतकही को स्थान प्रदान करने हेतु .. हर बार की तरह आपकी भूमिका में कोई ना कोई संदेशपरक वक्तव्य होने की तरह आज भी एक अनूठा संदेश है .. शायद ...
जवाब देंहटाएंशानदार अंक..
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
बेहद खूबसूरत अंक
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति प्रिय श्वेता कहानी बहुत बार सुनी थी पर आज वाला अहसास कभी नहीं हुआ बस बाल मन की सहज प्रतिक्रिया होती थी, बहुत सुंदर अंक सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई, सभी रचनाएं पठनीय सार्थक।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को प्रस्तुत करने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।
शानदार अंक
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