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शनिवार, 12 नवंबर 2022

3575... दर्द

           हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...

फ्लू सा हो गया है दिल की बीमारी.. अगर चिकित्सक एंजियोग्राफी करवाने के लिए कहे तो बिना ना नुकुर के, बिना देर किए करवा लिया जाए... बहुत दवा खाने से अच्छा है कुछ घंटों का हल्का

दर्द

जिन बच्चों को पाला पोसा, बड़े प्यार से बड़ा किया

सब कुछ अपना दे डाला उनको, पाँवो पर खड़ा किया

आज हम बोझ हो गए, वृद्धाश्रम हमको मिला है

जीवन कैसा उलझ रहा है, हमने क्या थोड़ा किया

दर्द

हो सके तो रहना बचकर इन शौख अदाओं से

इन आंखों के समुन्दर से इन जुल्फों की छांव से

तुम तो बेखबर हो और भोले हो ऐ दोस्त मगर

मुझको तो सोच के तेरा हाल लगने लगता है डर

दर्द

हर एक चीज की फिक्र करता है वो मेरी ।

कभी मैने उसे खुद के लिए जीते नही देखा।

माँ के साथ थपकियां वो भी लगाता हैं मुझे।

लेकिन मुझसे पहले उसे सोते, मैने नही देखा ।

दर्द

  लोग शहीदों की शहादत विसराये बैठे हैं,

  गाँधी, नेहरु, सुभाष, भगत सिंह को भुलाये बैठे हैं।

  देश में उच्च पदस्थ लोग,

  लूटने खसोटने की आदत बनाये बैठे हैं।

बढ़ गया भ्रष्टाचार देश में,

दर्द

एक हवा वो बरसात के बाद की थी,

और आज वो आंसुओ के साथ की है।

वो गीत प्रेम की खुशी का था,

और ये किसी के जाने का है।


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पुनः भेंट होगी...
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5 टिप्‍पणियां:

  1. शीघ्र स्वस्थ देखना चाहते हैं हम सब आपको
    चूंकि आप साहित्यिक गतिविधियों में व्यस्त रहती हैं
    फिर भी थकावट तो होती ही है
    आराम अब ज़ियादा आवश्यक है
    हमें जब आराम करना होता है तो
    चेन्नइ भाग जाते हैं
    .......
    दर्द की सटीक व्याख्या की है
    आभार
    सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  2. विभा दी, आप जल्द से जल्द स्वस्थ्य हो यहीं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं।

    जवाब देंहटाएं
  3. प्रिय दी,
    सादर नमन।
    आपके दायित्व बोध , कर्त्तव्य निष्ठा एवं प्रेरणात्मक व्यक्तित्व को मन से प्रणाम 👃
    रचनाओं का विश्लेषण पढ़ने के बाद।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर दर्द के अनेक रूप

    जवाब देंहटाएं

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