मोहिनीअट्टम......प्रोफ़ेसर गोपेश मोहन जैसवाल



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जवाब देंहटाएंआनलाईन पढ़िए
है सुरक्षित नहीं
अब शहरों की
गलियां व सड़कें
सादर..
पुस्तकों की जानकारी ऑन लाइन पूरी करने में कम सक्षम है
जवाब देंहटाएंहमारी वजह से सड़कें सुरक्षित नहीं हैं
उम्दा लिंक्स चयन
बहुत शानदार प्रस्तुति गहरे अर्थ की छोटी भूमिका,
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक चयन,
सभी रचनाएं बहुत आकर्षक ,
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
खूबसूरत प्रस्तुति रविन्द्र जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अंक।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🙏🌷 मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय 🙏🌷 सादर
जवाब देंहटाएंहमारे ज़माने में पुस्तकालय हर जागरूक विद्यार्थी की ज्ञान-पिपासा को तृप्त करने का साधन और उसकी उन्नति की सीढ़ियाँ हुआ करते थे. लेकिन आज इन पुस्तकालयों की जगह साइबर कैफ़े ने ले ली है जिनमें जाकर विद्यार्थी पढ़ने के बजाय अधिकतर ऐसे काम करते हैं जिनके बारे में चुप्पी साध लेना ही बेहतर होगा.
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति, बेहतरीन रचनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तूति।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति उम्दा लिंक्स
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।