निवेदन।


फ़ॉलोअर

मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

1621.....षड्यन्त्रों की बू आती है मजहब की दीवारों से

मंगलवारीय अंक में
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन
------
समाज में होने वाले तकनीकी परिवर्तन केवल व्यवहार और आदतें बदलते तो और बात थी. वो परिवर्तन मनुष्य के भीतर बैठकर उसे भीतर से बदलते हैं और इन परिवर्तनों को यदि कोई सजग होकर अनुभूत कर रहा होता है तो वह कोई वैज्ञानिक या टेक्नीशियन नहीं, एक सृजनशील हृदय होता है

★★★★★★
आइये आज की रचनाओं के संसार में-



खतरे में है 
देश हमारा 
पढ़े -लिखे गद्दारों से ,
षड्यन्त्रों की 
बू आती है 
मजहब की दीवारों से ,
देश विरोधी 
गतिविधियों से 
इसको मत बदनाम करो |



अन्नदाता की अनहोनी ही है छिपाता पेट की भूख है,
बुद्धि के ख़ज़ांची उसी भूख से कमाते बहुत हैं,
दम तोड़ता शिक्षा का स्तर तलहटी को छूता है, 
फिर भी डार्विन के स्वस्थतम उत्तरजीविता के सिद्धांत को
ज़माना आज आजमाता बहुत है  |


नहीं नहीं मैं कानून  हुआ
तोड़ मरोड़ कर पेश हुआ
नेताओं के साज़िश मेंं
कर ना पाया कभी भला




दिल्ली के ताज में न जाने कैसा जादू हैं,
चींटियों के भी पर निकल आये हैं,

रोज का जिनसे दुआ सलाम मेरे मोहल्ले में हैं,
एक क़ानून से घुसपैठिये कहलाये हैं,


बात करूँ, या यूँ खामोश रहूँ?
दरिया था, चुपचाप उसे था बह जाना,
ओढ़ी थी, उसने भी खामोशी,
बंदिशों में, मुश्किल था बंध जाना,
बीत चला, यूँ  वर्ष पुराना!

क्या कहूँ, किसकी बात करूँ?
वो क्षण था, हर पल था ढ़लते जाना,
डूबते हर क्षण, साँसें थी रूँधी,
मुश्किल था, हर वो क्षण भूलाना,
बीत चला, जो वर्ष पुराना!
.....

आज की प्रस्तुति के अंतिम चरण में
सन 2019 का अंतिम विषय
101 वाँ विषय
औकात
उदाहरण...

वस्तुतः
शब्द आईना ही होते हैं
जो बताते हैं
आदमी की औकात
कि वह कितना
गिरता है..
या गिरे हुए को
उठाता है।
जिसकी तस्वीर
खींचता रहता है
हरदम शब्द रूपी

आईना..
प्रेषण तिथिः 28 दिसंबर
प्रकाशन तिथि:30दिसंबर

आज यशोदा दी की व्यस्तता की वजह 
आज की प्रस्तुति मेरे द्वारा रखी गयी है।




14 टिप्‍पणियां:

  1. जी -बहुत ही सुंदर और सराहनीय रचनाओं का संगम।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात।
    बहुत ही रोचक रचनाये हैं,देश के माहौल में एक कवि कैसे चुप रह सकता हैं।ये रचनाये पढ़कर पुख्ता हुआ।
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. सटीक शीर्षक के साथ उसका बेहतरीन विवरण देकर इस प्रस्तुति का आरंभ किया है आपने। बेहतरीन प्रस्तुति।
    और मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए बहुत-बहुत आभार आपका श्वेता दी!

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीया श्वेता जी आपका हृदय से आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह!!सुंदर प्रस्तुति श्वेता !

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया श्वेता दी. मेरी रचना को स्थान देने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आपका
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन प्रस्तुति उम्दा लिंक संकलन
    सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई...

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...