प्रणामाशीष
हाँ
पड़ोसी से उधारी लेंगे.. पड़ोसी के सुख से जलनेवाले
25 दिसम्बर को तुलसी पूजन का बहाना
कुछ यूँ ही लगता
बिखरो न यूँ
वस्तुतः, है अन्त ही, इक नया आरंभ,
पथ, अनन्त चुनो तुम!
राहें, बदल जाते हैं, मोड़ में,
हर छोड़ में, खुद से मिलो तुम!
कह के जो कभी
भाषा जो कभी प्रेम की तुम पढ़ सको पढ़ो,
खुद से तो कभी प्रेम वो जतलाएँगे नहीं।
जो दर्द का व्योपार ज़माने से कर रहे,
ज़ख्मों को कभी आपके सहलाएँगे नहीं।
-teri-kami-dikhti-hai-jab
रुसवाइयो का गुबार यू तो बहुत है दिल में लेकिन ,
उसपे एक समझ जमी दिखती है यारो।
यू तो साथ चला था , हमारा काफिला मगर ,
उनकी मंजिल कही और , रुकी दिखती है यारो।
पतंगे पहुँचा दी गयी
गीले हो जाएंगे सपने
पूछेंगे न कोई अपने
धुंधला जाएंगी आंखें
उड़ न पाएंगी पांखें
कुछ तो करना होगा
क्यों पड़ूं मैं इन झमेलों में,इस सोच से तुझे उभरना होगा,
कुछ तो करना होगा ।
मूकदर्शक बनकर क्या पा लिया तुमने ?
कब तक चुप रहोगे तुम ?
हो गई है इंतहां दर्द की, कब तक सहते रहोगे तुम?
समय आ गया है अब इस दर्द को बिखरना होगा,
><
पुन: मिलेंगे...
><
अब बारी है विषय की
100वाँ सप्ताह पूरा हो रहा है
इस विशेषांक के..
100वाँ विषय आज के ही अंक से
न्याय
हम समझते हैं उदाहरण की आवश्यकता नहीं
आप अपने विवेक से रचनाएँ लिखिए
प्रेषण तिथिः 21 दिसम्बर 2019
शाम 3.00 बजे तक मेल द्वारा
प्रकाशन तिथिः 23 दिसम्बर 2019
सदा की तरह बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार आपका..
सादर नमन..
*नागरिकता कानून (Citizenship Act) में 2004* किए गए संशोधनों (Amendments) के मुताबिक, असम (Assam) को छोड़कर शेष देश में अगर किसी के माता-पिता में कोई भी एक भारत का नागरिक है और अवैध अप्रवासी (Illegal Immigrant) नहीं है तो ऐसे बच्चों को भारतीय नागरिक माना जाएगा. *यह स्पष्टीकरण देश भर में नागरिकता कानून 2019 के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच आया है.* अधिकारी ने कहा कि कानून को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें हो रही हैं. इनमें ज्यादातर गलत हैं.
जवाब देंहटाएं*कानून के मुताबिक उन्हें प्राकृतिक तौर पर भारतीय माना जाएगा जो खुद या जिनके माता-पिता 1987 से पहले देश में पैदा हुए हैं, उन्हें कानून के मुताबिक प्राकृतिक तौर (Naturalisation) पर भारतीय (Indian) ही माना जाएगा* वहीं, असम (Assam) में पहचान और नागरिकता (Citizenship) साबित करने की कट ऑफ डेट 1971 तय की गई है. असम में नागरिकता साबित कर एनआरसी की अंतिम सूची (Final List) में शामिल होने के लिए दस्तावेजों की सूची सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तय की थी.
*कौन एनआरसी-1 में होंगे और कौन होंगे एनआरसी-2 में*
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अगर आप 26 जनवरी 1950 के बाद और 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में पैदा हुए हैं तो आप एनआरसी-1 (NRC-1) में होंगे. वहीं, अगर आप 1 जुलाई 1987 से 3 दिसंबर 2004 के पहले तक भारत में पैदा हुए हैं तो आप एनआरसी-2 (NRC-2) में आएंगे. इसमें माता-पिता में किसी एक का भारतीय साबित होना जरूरी है. अगर 3 दिसंबर 2004 को या इसके बाद आप भारत में पैदा हुए हैं और आपके जन्म के समय आपके माता-पिता भारतीय नागरिक हैं या दोनों में कोई एक भारतीय हैं और दूसरे अवैध प्रवासी नहीं हैं तो आप भारतीय नागरिक माने जाएंगे.
3 दिसंबर 2004 के बाद विदेश में पैदा हुए बच्चों के माता-पिता को करनी होगी ये घोषणा
अगर आपके पिता जन्म से भारतीय नागरिक थे और आपका जन्म 26 जनवरी 1950 को या उसके बाद लेकिन 10 दिसंबर 1992 से पहले विदेश में हुआ है तो आप एनआरसी-1 में होंगे. भारत के बाहर 3 दिसंबर 2004 को या उसके बाद पैदा हुए लोगों को भारतीय नागरिक तभी माना जाएगा जब उनके माता-पिता ये घोषित करें कि उनके पास किसी दूसरे का पासपोर्ट (Passport) नहीं है और जन्म के सालभर के अंदर उनके जन्म का पंजीकरण भारतीय दूतावास (Indian consulate) में काराया गया हो. ऐसे में कहा जा सकता है कि जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate) या म्युनिसिपल सर्टिफिकेट (Municipal Certificate) नागरिकता साबित करने का अहम दस्तावेज होगा.
गृह मंत्रालय (MHA) के प्रवक्ता (Spokesperson) ने कहा कि किसी भी भारतीय नागरिक को 1971 से पहले जन्म होने की स्थिति में अपने माता-पिता या दादा-दादी के पहचान पत्र, जन्म प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज के जरिये अपने वंश को साबित करने की जरूरत नहीं होगी.
अब सोचिए, भला इसमें गलत क्या है? क्या समाज के कथित प्रबुद्धजनों को जन चेतना जगाने का सही प्रयास नहीं करना चाहिए?
क्या यह विरोध, आत्मसंहारक नहीं है?
🤔यह ज्ञान यहाँ क्यों...
हटाएंसही समय सही जगह कही जाए तभी बातें महत्त्वपूर्ण सही है
जी प्रणाम दीः)
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह बेहतरीन रचनाओं.से सजी शानदार प्रस्तुति दी।
सुन्दर अंंक।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति 👍
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जवाब देंहटाएंमैंने अभी आपका ब्लॉग पढ़ा है, यह बहुत ही शानदार है।
मैं भी ब्लॉगर हूँ
मेरे ब्लॉग पर जाने के लिए
यहां क्लिक करें:- आजादी हमको मिली नहीं, हमने पाया बंटवारा है !
सुंदर रचना।
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