सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष
कब कौन कितना किसको
अपना निशाना बना रहा
कंधे इतने मजबूत नहीं
बंदूक रखने के पहले तौल तो लेते
उतना ही बोलना जितना जरूरी हो
मुखौटे
रामलीला में अगर कुंभकर्ण का मुखौटा है तो वह कुंभकर्ण का ही पात्र है।
जीवन में यह द्वैत है। अगर जीवन पर रंगमंच खेला जाए तो
फिर से मुखौटे लगाने होंगे जो वास्तविक चेहरे से भिन्न होंगे,
क्योंकि रंगमंच में तो सच दिखाना है। इसलिए
आधुनिक रंगमंच में कई भावों को प्रस्तुत करने के लिए मुखौटे लगते हैं।
दो चेहरे
देखते हैं आयना तो पहला चेहरा नजर आता है,
और दूसरा तो बस आंखे बंद करने पर दिख जाता है।
जिन बुराइयों को छिपाता है तू जमाने से,
उन्हें दूसरा चेहरा ही तुझे दिखाता है।
फिर भी न जाने क्यों ?
तुझे पहला चेहरा ही भाता है।
फिर मिलेंगे
इस सप्ताह का विषय
छियानबेवां विषय
बिटिया
उदाहरण
आज भी तो नवजात बिटिया के
जन्म पर,भविष्य के भार से
काँपते कंधों को संयत करते
कृत्रिम मुस्कान से सजे अधरों और
सिलवट भरे माथे का विरोधाभास लिये
"आजकल बेटियाँ भी कम कहाँ है"
जैसे शब्दांडबर सांत्वना की थपकी देते
माँ-बाबू पर दया दृष्टि डालते परिजन की
"लक्ष्मी आई है"के घोष में दबी फुसफुसाहटें
खोखली खुशियाँ अक्सर पूछती हैं
बेटियों के लिए सोच ज़माने ने कब बदली?
कलमकारः सखी श्वेता सिन्हा
अंतिम तिथिः 23 नवम्बर 2013
प्रकाशन तिथिः 25 नवम्बर 2013
प्रविष्ठिया मेल द्वारा सांय 3 बजे तक
बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसदा की तरह सदाबहार..
सादर नमन..
वाह दी जबरदस्त विषय और एक से बढ़कर एक रचना आनंद आ गया पढ़कर।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति सराहनीय सूत्रों के साथ सदा की भाँति।
सुन्दर अंक।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति आनंद आ गया
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अंक।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
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जवाब देंहटाएंindia republic day photo
बेहद सुन्दर लेख है ।
जवाब देंहटाएंhttps://shaayridilse.blogspot.com/
क्या गजब का लिखा है बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंhttp://govnaukri.info/
बेहद उम्दा रचनाएं. हिंदी भाषा में एक और बेहतरीन ब्लॉग. धन्यवाद....
जवाब देंहटाएंये भी पढ़ें Dr. APJ Abdul Kalam Quotes in Hindi
जवाब देंहटाएंHAAPY KISS DAY WISHES WALLPAPERS
HAPPY VALENTINES DAY ERROTIC PICS
see: Ladki ki Photo (लड़की का फोटो)
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