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पौधे---अपनों से
कुछ पौधे जो मन को थे भाये
घर लाकर मैंंने गमले सजाये
मन की तन्हाई को दूर कर रहे ये
अपनों के जैसे अपने लगे ये.......
हवा जब चली तो ये सरसराये
मीठी सी सरगम ज्यों गुनगनाये
सुवासित सुसज्जित सदन कर रहे ये
अपनों के जैसे अपने लगे ये.......
उदास शाम
एक गरम दिन का
बचाखुचा ताप
भिगोती है अपने
अनदेखे आँसुओं से
वो आरज़ी है
मरना होगा उसे
कल कोई नयी शाम
बिछी होगी इसी पहलू में
जानती है
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए .....
तन से तन का मिलन हो न पाया तो क्या
मन से मन का मिलन कोई कम तो नहीं
खुशबू आती रहे दूर से ही सही
सामने हो चमन कोई कम तो नहीं
चाँद मिलता नहीं सबको सँसार में
है दिया ही बहुत रोशनी के लिए
हरसिंगार की लालिमा ...
दौड़ती-भागती,
पिटारों से निकालकर
अलगनी पर डालती
कुछ गीली,सूखी यादों को,
श्वेत-श्याम रंग की सीली खुशबू
को नथुनों में भरकर
कतरती,गूँथती,पीसती,
अपने स्वप्नों के सुनहरे रंग,
पतझड़ को बुहारकर
देहरी के बाहर रख देती
कलम बीमार है.......
उसे इंतजार है तो बस
उन गुम सम्वेदनाओं की.
उनके मसीहाओं की.
जो इंसान को खोजते हुए
धरती से दूर निकल गए हैं.
सोच भी आज आजाद हो गयी है
क्या
लिखता है
क्या सोच है
‘उलूक’ तेरी
समझनी भी
किसे हैं
बातें सारी
अनर्थ हो गयी हैं
लूट में
हिस्सेदारी
लेने वाली
इसके बाद विषय के अलावा कुछ भी नहीं बचा
चौसठवें अंक का
विषय
अश्रु, अश्क आँसू
प्रेम में कोई अश्रु गिरा आँख से,
और हथेली में उसको सहेजा गया।
उसको तोला गया मोतियों से मगर
मोल उसका अभी तक कहाँ हो सका ?
ना तो तुम दे सके, ना ही मैं ले सकी
प्रेम दुनिया की वस्तु, कहाँ बन सका ?
दो नयन अपनी भाषा में जो कह गए
वो किसी छंद में कोई कब लिख सका ?
रचनाकार मीनाकुमारी शर्मा
अन्तिम तिथिः 30 मार्च 2019
प्रकाशन तिथि ः 01 अप्रैल 2019
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सादर
यशोदा
शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं का संगम..
दो नयन अपनी भाषा में जो कह गए
वो किसी छंद में कोई कब लिख सका
आभार..सादर..
सस्नेहाशीष संग शुभकामनाएं छोटी बहना
जवाब देंहटाएंसराहनीय संकलन
सुन्दर सी प्रस्तावना के साथ बहुत खूबसूरत लिंक्स संयोजन ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन। आभार 'उलूक' का।
जवाब देंहटाएंवाह!!सुंदर संकलन ।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संकलन आज का ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी रचना को जगह देने के लिए आज ...
खूबसूरत संकलन
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन ,सादर नमन सबको
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका तहेदिल से आभार एवं धन्यवाद ।