सादर अभिवादन
होली बस आने ही को है...
आएगी और चली जाएगी...
छोड़ जाएगी तो सिर्फ यादें
खट्टी भी होंगी और मीठी भी
क्यों राह देखें...और क्यों गुस्सा करें...
चलिए चलते हैं पसंदीदा रचनाओं की ओर...
होली रंग रंगीली आई
प्यार की सौगात लाई
कड़वाहट को भूल कर
मन को डुबोती प्रेम रंग में |
इस रंगों के त्योहार का
है यही सरल सा उपाय
भाईचारे को निभाने का
मन में भरा कलुष मिटाने का |
होली में बौराय के डिम्पल भौजी करें ठिठोली,
देख अकेले जोगी जी ने रंग दी घघरा-चोली,
रंग दी घघरा-चोली भगवा रंग अब मुझको भाय,
अबकी बारी टिकट दिला दो, कुछ तो करो उपाय।
सुना है जब भी
दर्पण के सामने जाओ
उसमें सदैव अपना ही
प्रतिबिम्ब दिखाई देता है
लेकिन मैं जब भी
तुम्हारे नैनों के दर्पण के
सामने आती हूँ,
वक़्त बीतता है,
उम्र बढ़ती है या घटती है….
कोरे कागज़ों सी रूहों पर
हज़ार आयतों से भरे जिस्म लपेटे
इंसान सुकून ढूंढते हैं
शिक़वे गिले निभाते
साँसों की गिनती
भूल जाते हैं
चंग मृदंग ढ़ोल ढमकत चहुँ ओर
फाल्गुन आयो मास सतरंगी
श्वास श्वास चंदन विलसत
नयनों मे केसर घुलत सुरंगी
ऋतु गुलाब आयी, मन भायी
फूला न समाता खुश होकर, या घर भर देता रो-रोकर,
या तो कहता, 'दुनिया मेरी, या 'जग से मेरा क्या नाता!
मेरे मन की यह दुर्बलता, सामान्य नहीं निज को गिनता,
वह अहंकार से उपजा है, इसलिए सदा रोता-गाता!
है ये सच, या है मेरा ही भरम,
यूँ सँवरते रहे, उन्हीं के ख्वाब में हम,
बसा इक, नया सा संसार,
नज्म ख्वाबों के, बिखरे हजार....
वो मिल गए, ख्वाबों नें कर लिया श्रृंगार!
शुभ कामनाएँ भाई पुरुषोत्तम सिन्हा जी को
उनकी हजारवीं रचना को लिए
कब तलक मैं चुप रहूँ।
ये सांसों का पहरा
ये दिल की धड़कन
जाने थम जाए कब
नहीं कुछ भी नहीं
कुछ नहीं है जीवन
बस मृत्यु ही है सत्य अटल।
चलते-चलते बधाइयाँ देते चलें
आदरणीय डॉ. सुशील भैय्या को
क्या
जरूरत है
बेशरम
‘उलूक’
शरमाने की
तू
कुछ अलग है
या
जमाना
कुछ और
अब
सीख भी ले
.....
बहुत हो गया आज..
अब बाकी है हम-क़दम की
तिरसठवें अंक का विषय
वसन्त
उदाहरण..
अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन में मृदुल वसन्त-
अभी न होगा मेरा अन्त
हरे-हरे ये पात,
डालियाँ, कलियाँ कोमल गात!
अपना उपनाम 'निराला' लिखते हैं
अंतिम तिथिः 23 मार्च 2019
प्रकाशन तिथिः 25 मार्च 2019
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सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाओं संग बधाई
आभार यशोदा जी 'उलूक' को जगह देने के लिये आज की सुन्दर हलचल प्रस्तुति के साथ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत संकलन ।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवास |
होली की शुभ कामनाएं |
वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति.....तमाम रंग समेटे हलचल भी किसी होली से कम नही
जवाब देंहटाएंरचनाकारों को खूब बधाई और आदरणीय जोशी सर को और सिन्हा सर को ढेरों बधाई और शुभकामनाओं सहित सादर नमन
सभी को सुबह का नमस्कार सुप्रभात
वाह!!खूबसूरत संकलन !!होली की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंहलचल की समस्त टीम, पाठकों एवं मित्रों को होली की हार्दिक बधाइयाँ यशोदा जी ! आज के इस खूबसूरत संकलन में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति। सादर।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार संकलन सभी रचनाकारों को बधाई ।
जवाब देंहटाएंसभी को होली की अनंतानत शुभकामनाएं ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन.....।
जवाब देंहटाएंहोली की रंगो से सराबोर हो सभी का जीवन,,,
जवाब देंहटाएंहलचल जुडे समस्त जन का अभिवादन ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति
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