के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए,यह जताने के लिए पुरुषसत्ता समाज में उनका भी सम्मान किया जाता है।
बड़ी-बड़ी बयानबाजियों और नारी सुरक्षा के तमाम एक्ट पारित होने के बावजूद अभी भी समाज में और दोषपूर्ण न्यायिक प्रक्रिया के आगे लाचार है शिकार महिला वर्ग।
क्यों नारी को एक देह के रुप में ही देखा जाता है?
स्वयं अपने बूते हर क्षेत्र में आगे रहने के बावजूद पुरुषों
की छत्रछाया में सुरक्षा ढूँढती औरत सच में इतनी ही
निरीह है क्या? चाहे नारी स्वतंत्रता और बदलाव की
जितनी भी डुगडुगी पीट ली जाय पर सच तो यही है कि
एक स्त्री के लिए समाज की सोच कभी नहीं बदलती।
आदरणीय श्याम बिहारी श्यामल जी
ठेस-ठोकरों ने केवल दर्द नहीं दिया
धीरे धीरे मुरझा जायेंगे
इनके चटक रंग
उदासी में बदल जायेंगे
बसंत की नियति है
पतझड़
फिर भी बसंत लौटता है
अगले बरस .
★★★★★
मेरी धरोहर से
आदरणीय अशोक वाजपेयी जी
एक बार जो...
हाँ, इतना जरुर जोड़ेंगे कि नारियों के
उन्नयन की दिशा में जो सदियों की सामाजिक क्रांतियां ‘सौ चोट सुनार के’ मारती रहीं, वो इक्कीसवीं सदी की सूचना क्रांति ने
‘एक चोट लोहार के’ में तमाम कर दिया.
अब सारी दुनिया उसकी उंगलियों में लिपट गयी.उसका वेबसाइट और ब्लॉग उसके सम्मुख था. उसके व्यक्तित्व को मुक्त गगन मिला और उसकी मुलायम भावनाओं ने पंचम में आलाप भरना शुरु कर दिया. उसे अपनी मौलिकता से साक्षात्कार हो गया. उसके अंतःस की रचनात्मकता कुसुमित होने लगी. उसे अपनी सृजनात्मकता के सौंदर्य की अभिव्यक्ति का विस्तृत वितान मिल गया. उसकी श्रृंगारिकता उसके सामजिक सरोकार की शोभा बन गयी
बोनसाई, कृत्रिम सजावटी फूल
और बाहर बथान में बंधे
दुधारू गोरु जैसा
डालकर अपनी कोमल
संवेदनाएँ चक्की में,
पिसकर पाटों में
भरती रहती है घर के
खाली कमरों को
निर्विकार,आजीवन
स्त्री है।
शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंअन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर शुभकामनाएँ
बेहतरीन प्रस्तुति..
सादर
बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंहर पल के लिए शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन
महिला दिवस की मंगलकामनाएं। सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह!!खूबसूरत प्रस्तुति श्वेता ।
जवाब देंहटाएंसबसे पहले सभी महिलाओं को महिला दिवस पर शुभकामनाएँ...खूबसूरत सुंदर संकलन श्वेता जी मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंशानदार संकलन.. हर दिन के लिए शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
बेहतरीन लिंक्स एवम अनुपम प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमहिला दिवस की अनंत शुभकामनाएं 💐💐
जवाब देंहटाएं"अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस" की शुभकामनाएं!!!
जवाब देंहटाएंमहिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत दमदार भुमिका के साथ शानदार प्रस्तुति श्वेता सभी रचनाकारों को बधाई । 6
सर्व प्रथम महिला दिवस की सभी मित्रों ढेरो शुभकामनाएं ,साथ ही यहाँ आमंत्रित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, क्योंकि यहां आने के बाद सभी की रचनाओं को पढ़ने का लाभ मिला रचनाये सभी बढ़िया है |शुक्रिया
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं
जवाब देंहटाएंसंयमित चाह का विस्तार नही होता
जवाब देंहटाएंदर्द से दर्द का श्रृंगार नहीं होता ,
टूट जाये जो समय की आँधियों के साथ ही
बस हविश है देह का ,वो प्यार नही होता ।
व्वाहहह..
हटाएंआभार..
सादर...
दिल से आप सभी की आभारी हूँ ,धन्यवाद
हटाएंयू तो कोई गिला नही
हटाएंसब कुछ था क्या नही था ,
फिर भी एक कमी सी थी
जिसका पता नही था ।
जाने क्या बात हुई
जाने क्या बात हुई ?
तू खुद तो बदल
जवाब देंहटाएंतू खुद तो बदल
तभी तो जमाना बदलेगा ,
गंगा की धारा बदलेगी
मंजिल की राहें बदलेगी ।
मुस्कुराकर दर्द भूलाकर
जवाब देंहटाएंरिश्तों में बंद थी दुनिया सारी ,
हर पग को रौशन करने वाली
वो शक्ति है ,एक नारी ।
अपनी छोटी छोटी कुछ रचनाओं के साथ आप सभी को महिला दिवस की बधाई देती हूँ ।यू तो हर दिन महिला और पुरूष का है ,इसलिये प्रयास यही हो आपस मे समानता का भाव उजागर हो ।आदर देंगे तो ही आदर पायेंगे,
हम सभी आह्लादित हैंं.
हटाएंआभार आपका...
आते रहिएगा...
सादर...
शुक्रिया आप सभी का दिल से, नमस्कार
हटाएंअन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर एवं विचारणीय रचनाओं का संकलन।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।
उपसंहार में स्त्री-विमर्श पर गहन चिंतन की ओर आकृष्ट करती श्वेता जी की रचना प्रशंसनीय है।
शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा पठनीय लिंक्स...
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार प्रस्तुति ,महिला दिवस की हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने
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