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शनिवार, 7 अक्टूबर 2017
813.... सुकूं
10 टिप्पणियां:
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आदरणीय दीदी
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
चिन्तित जरूर थी
पर निश्चिंत भी थी
पर ये भी न..पता नहीं
क्या-क्या कर डाला
इनको सुकूँ आ गया होगा
व्यस्तता के बीच समय
निकाल लेना हर किसी को नहीं आता
सादर
ढ़ेरों आशीष व असीम शुभकामनाओं के संग निश्चिंता भी संजोयें
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात। सुकून पर आधारित सुंदर अंक। सादर प्रणाम आपको आदरणीया दीदी। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं। आभार सादर।
जवाब देंहटाएंआदरणीया ,शुभप्रभात आज का अंक सुंकून पर आधारित बहुत अच्छा लगा। रचनायें हृदय को स्पर्श करतीं हैं बहुत -बहुत धन्यवाद आपका। सादर
जवाब देंहटाएंJindgi ki udhen bin me ek sachchi abhivyakti.Heart touching real lines. With thanks & regards
जवाब देंहटाएंSujit Srivastava
आदरणीय दीदी...
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम..
सुकून आ गया
सादर
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंएक विषय पर
जवाब देंहटाएंइतनी रचनाएँ
श्रमसाध्य काम
सीखा मैंने कुछ
लगन और मन
दोना का हो..
साथ अगर...
सबकुछ कर सकते हैं
आदर सहित
😍
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