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शनिवार, 7 अक्टूबर 2017

813.... सुकूं


सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष

तब खुश थे कि अब खुश
ना जाती है ना रहती है
बुढ़िया बहुत सताती है
ढूंढते रह जाते है कुछ पल



वो बवाल-ए-दुनिया-ओ-बाज़ार
और ये सुकूं ये सन्नाटा
अच्छा लगता है ।

कुछ नहीं रहा बाकी मगर मेरे वास्ते, बस वो पुरानी दास्ताँ, 
आपके लिखे खतों का था कभी मैं ही नसीब
अच्छा लगता है ।




आसान नही है हमसे यूँ शायिरयों में जीत पाना !
हम हर एक शब्द मोहब्बत में हार कर लिखते हैं !!

सामने मंज़िल थी और पीछे उसका वजूद;
क्या करते हम भी यारों;
रुकते तो सफर रह जाता चलते तो हमसफ़र रह जाता।
एक उसूल पर गुजारी है ज़िन्दगी मैंने....
जिसको अपना माना उसे कभी परखा नहीं...!!




......सुकून ढूंढते ढूंढते आज
यादों के तहखाने में जा पहुंची...
सोचा एक बार यहाँ भी देख लूं...  
.......बहुत साल पहले
जब नए रिश्ते बनाए थे....
क्या मालूम....
....कुछ टूटे हुए रिश्तों के साथ
यहाँ रख दिया हो....




उन दो चिड़ियों का,
यूँ प्यार से चहचहाना। 
दिमाग में विचार,
और मुँह में चाय की चुस्की लेकर,
चंद शब्दों को,
कविता की माला में पिरो जाना।

><><



सांस्कृतिक परिक्रमा में अपने कार्यक्रमों को शामिल करवाने हेतु फोटो और संक्षिप्त विवरण ईमेल  से भेजें जिसके लिए आईडी है - hemantdas_2001@yahoo.com / आप Hemant Das Him के फेसबुक मेसेजबॉक्स में भी सामग्री भेज सकते हैं

><><

कब तक मिलेंगे.... पता नहीं.... जब तक हूँ.... ऐसी ही हूँ



सरकार विहीन राज्य बनाने की इच्छा है... 

चित्र में ये शामिल हो सकता है: 7 लोग, लोग खड़े हैंएक दिन चार टाइम भोजन की जरूरत... सुबह-शाम का नाश्ता... दोपहर- रात का भोजन ... 
सरकार एक व्यक्ति पर चालीस रूपये प्रतिदिन का देती है.... 




10 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय दीदी
    शुभ प्रभात
    चिन्तित जरूर थी
    पर निश्चिंत भी थी
    पर ये भी न..पता नहीं
    क्या-क्या कर डाला
    इनको सुकूँ आ गया होगा
    व्यस्तता के बीच समय
    निकाल लेना हर किसी को नहीं आता
    सादर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. ढ़ेरों आशीष व असीम शुभकामनाओं के संग निश्चिंता भी संजोयें

      हटाएं
  2. सुप्रभात। सुकून पर आधारित सुंदर अंक। सादर प्रणाम आपको आदरणीया दीदी। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं। आभार सादर।

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीया ,शुभप्रभात आज का अंक सुंकून पर आधारित बहुत अच्छा लगा। रचनायें हृदय को स्पर्श करतीं हैं बहुत -बहुत धन्यवाद आपका। सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. Jindgi ki udhen bin me ek sachchi abhivyakti.Heart touching real lines. With thanks & regards
    Sujit Srivastava

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय दीदी...
    सादर प्रणाम..
    सुकून आ गया
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. एक विषय पर
    इतनी रचनाएँ
    श्रमसाध्य काम
    सीखा मैंने कुछ
    लगन और मन
    दोना का हो..
    साथ अगर...
    सबकुछ कर सकते हैं
    आदर सहित

    जवाब देंहटाएं

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