गई चौदस भी
चली गई...
अमावस की रात भी
खा लिए भोग छप्पन..
हो गई दिल की बात
प्यारी बहनों से...
महामना हरिवंश राय बच्चन की
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दिया और हवाएं...ओंकार केडिया
इस बार की दिवाली कुछ अलग थी,
बस थोड़े से चिराग़ जल रहे थे,
अचानक तेज़ हवाएं चलीं,
एक-एक कर बुझ गए दिए सारे,
पर एक दिया जलता रहा,
लड़ता रहा तब तक,
जब तक थक-हारकर
चुप नहीं बैठ गईं हवाएं.
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बेखबर...पुरुषोत्तम सिन्हा
चल पड़े थे कदम उन हसरतों के डगर,
बस फासले थे जहाँ, न थी मंजिल की खबर,
गुम अंधेरों में कहीं, था वो चाहतों का सफर,
बस ढूंढता ही रहा, मैं मेरी तमन्नाओं का शहर!
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नयन बसे.....श्वेता सिन्हा
नयन बसे घनश्याम,
मैं कैसे देखूँ जग संसार।
पलकें झुकाये सबसे छुपाये,
बैठी घूँघटा डार।
मुख की लाली देखे न कोई,
छाये लाज अपार।
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विश्व गुरु भारत.....राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
मिले विश्व-गुरु का ताज़ भारत को,
करते हैं हम सब अर्चन,
पर, हम जानते हैं कि हम ही हैं ,
इसकी राहों में अड़चन।
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मै तो तरसी हूँ दो गज जमीं के लिए....नीतू ठाकुर
आज आँखों से बरसे जो आंसू तेरे,
दर्द दुनिया में सब को दिखाने लगे,
दर्द की इन्तेहाँ तुमने देखी कहाँ,
जो अभी से सभी को सुनाने लगे,
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होता है दिल टुकड़े-टुकड़े.....हिया 'हया'
सहमा सहमा सारा मौसम
और नज़ारे उजड़े -उजड़े
मोर पपीहा गुमसुम-गुमसुम
कोयल के सुर उखड़े-उखड़े
आज बस...
आज्ञा दें दिग्विजय को
चलते-चलते..
आप लोगों ना कार व मोटर साइकिल पार्क तो किया ही होगा
पर गधे को पार्क करते नहीं देखा होगा
देखिए..मात्र 38 सेकेँड
शुभ प्रभात....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पढ़ा आपने
शुभ कामनाएँ
सादर
असीम शुभकामनाओं के संग शुभ दिवस
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स चयन
शुभ प्रभात जीजू
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचनाएं चुनी आपनें इस बार
कभी मेरी तरफ भी देख लिया कीजिए
आदर सहित
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंदिवाली के बाद भी दिवाली जैसा अनुभव कराता सुंदर अंक।
बधाई आदरणीय दिग्विजय भाई जी।
विविध रंगों का एहसास हैं आज की रचनाऐं।
साथ में मुस्कराने को उकसाता विडियो।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
आभार सादर।
सुन्दर लिंक्स. मेरी कविता शामिल की. आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंआदरणीय दिग्विजय साहब क्या खूब प्रस्तुति की है। बधाई
जवाब देंहटाएं"एकलव्य"
सुंदर प्रस्तुति । हमेशा की तरह बेहतरीन अंक । सादर आभार इतनी अच्छी रचनाओं के संकलन हेतु !
जवाब देंहटाएंआदरणीय दिग्विजय जी को इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई।
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