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बुधवार, 4 अक्टूबर 2017
810.. रचनात्मकता और सृजन की खुशबू बिखेरती रहती है..
20 टिप्पणियां:
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शुभ प्रभात सखी पम्मी
जवाब देंहटाएंअच्छी रचनाएँ..
अच्छा लगा आज
हमारा छत्तीसगढ़ भी यहां है
आभार
सादर
काबिले तारीफ डॉयलाग..
जवाब देंहटाएंअंत मे एक मैला ढोने वाली की बेटी को उसके सामने लाकर पूछा जाता है कि क्या इससे शादी करोगे?
नायक कहता है कि इसे पहले ही क्यूँ नही लाये, 'लउहे लगन धरावव' मैं इसी से शादी करूँगा। उससे पूछा जाता है कि ऐसी क्या खूबी है इसमें जो ब्राह्मण, ठाकुर जाति की आदि सुंदर लड़कियों को ठुकरा कर इस लड़की से शादी करना चाहते हो?
नायक कहता है क्योंकि यह लोगों को स्वच्छ रखने के लिए, दूसरों के घरों का मैला साफ करती है। 'रोग-राई' दूर करने वाली देवी है।
स्वच्छ सोच ।
हटाएंआपने विविधभारती के बारे में एक ही पंक्ति में सब कुछ कह दिया और क्या खूब कहा -
जवाब देंहटाएंविविध भारती आम आदमी के जीवन का बैकग्राउंड म्यूजिक है । एकदम सही ।
स्वच्छता और बापू के संदर्भ में "भकला के लगन" ही मन के तल में जा बैठी. इसी तलघर से ये अनुभूति भी मिली -
https://noopurbole.blogspot.com/2017/10/blog-post.html?m=1
बहुत आभार पम्मीजी ।
सुप्रभात आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति पम्मी जी।
जवाब देंहटाएंऊषा स्वस्ति।
जवाब देंहटाएंवाह ! पम्मी जी बेहतरीन अंक प्रस्तुत किया आज आपने।
भूमिका में एकदम नयापन और एक से बढ़कर एक विचारणीय सूत्रों का चयन।
आपको बधाई।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
आभार सादर।
शुभप्रभात पम्मी जी,
जवाब देंहटाएंतरोताज़ा प्रस्तुति के साथ सुंदर और सराहनीय रचनाओं का सुघड़ संयोजन किया है आपने।सारी रचनाएँ बहुत अच्छी है।
बधाई आपको सुंदर अंक के लिए।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।
शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंकाफी दिनों के बाद ऑनलाईन आया
परिष्कृत प्रस्तुति
छत्तीसगढ़ को यहां लाने के लिए आभार
सादर
लाजवाब प्रस्तुतिकरण एवं उम्दा लिंक संकलन....
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं हार्दिक आभार....
शुभप्रभात पम्मी जी बहुत सुंदर संयोजन ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुतिकरण
जवाब देंहटाएंशुभ संध्या
जवाब देंहटाएंअच्छी रचनाओं का संगम
आभार पढ़वाने के लिए
आदर सहित
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी रचनाओं का समावेश किया है आपने । धन्यवाद पम्मीजी । सभी रचनाकारों को बधाई ।
जवाब देंहटाएंआदरणीया पम्मी जी प्रणाम ,आज का अंक बहुत ही रोचक ,शिक्षाप्रद एवं तर्कसंगत लगा। आपकी प्रस्तुति में नए प्रयोग काबिलेतारीफ़ है। बधाई आभार "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को चुनने के लिये आपका हार्दिक धन्यवाद . कारणवश मैंने बहुत दिनों से ब्लॉग नहीं देखा था.बाकी लिंक्स भीपढ़ रही हूं
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति पम्मी जी।
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