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मंगलवार, 26 सितंबर 2017

802...शक्तिस्वरूपा मां दुर्गा की आराधना महिलाओं के अदम्य साहस, धैर्य और स्वयंसिद्धा व्यक्तित्व को समर्पित है.


जय मां हाटेशवरी....
शक्तिस्वरूपा मां दुर्गा की आराधना महिलाओं के अदम्य साहस, धैर्य और स्वयंसिद्धा व्यक्तित्व को समर्पित है. शक्ति की पूजा करनेवाला समाज में महिलाओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किसी विडंबना से कम नहीं. हर महिला एक दुर्गा है. उसमें वही त्याग, करुणा, साहस, धैर्य और विषय परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने की
ताकत है. वह न सिर्फ स्वावलंबी है, बल्कि परिवार और समाज को भी संवारती है.
समय कुछ कम था....
 कुछ अधिक नहीं पढ़ा....
पर पांच रचनाएं....तो मिल ही गयी....


माँ ...
सब सो जाते तब सोती, पर सबसे पहले उठती माँ
चिंतन मनन, नसीहत निश्चय, साहस निर्णय, कर्मठता
पल-पल आशा संस्कार, जीवन में पोषित करती माँ

चंद्रघंटा माँ ( कुण्डलिया )
घंटे का आकार,  चंद्रघंटा कहलाये
अस्त्र शस्त्र दस हाथ,पुष्प उज्ज्वल अति भाये
माँ से पा लो शांति,करो मत तेरा मेरा
सरिता करे अर्पण,  दिया जो मैया तेरा।।

कहीं लंका ना लगा दे BHU का ये ‘कन्या पूजन...खुशदीप
नवरात्र चल रहे हैं. गुरुवार 28 सितंबर को अष्टमी पर कन्या पूजन होना है. लेकिन बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में शनिवार रात को पुलिस के ‘पुरुष शूरवीरों’ ने एक अलग तरह का ही ‘कन्या पूजन’ किया, छात्राओं पर लाठियां बरसा कर. विडंबना देखिए, एक तरफ हज़ारों किलोमीटर दूर संयुक्त राष्ट्र में सुषमा स्वराज दुर्गा की
तरह गरज रही थीं, ठीक उसी वक्त बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर ‘लाठी चलाओ, बेटी भगाओ' का ‘पराक्रम’ दिखाया जा रहा था. ये दृश्य देखकर महामना पंडित  मदन मोहन मालवीय की आत्मा भी धन्य हो गई होगी जिन्होंने 101 साल पहले वसंत पंचमी के दिन बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की नींव रखी थी.

सुनो लड़कियों अब सुधर जाओ ------------ mangopeople
                         आज के समय में तुम्हारे विरोध प्रदर्शनों का केवल राजनैतिक स्तेमाल ही होगा | तुम्हारे मुद्दे कही पीछे छूट जायेंगे बाकी सरकार और विपक्ष अपनी राजनीति चमकायेंगे | सब के सब वही पुरुषवादी सोच के है जिसके खिलाफ तुम लड़ रही हो | ये कभी तुम्हारी बात नहीं समझेंगे आज जो तुम्हारे साथ है वो
कल गद्दी पर बैठते ही तुम्हारे खिलाफ होगा और जो आज तुम्हारे खिलाफ है वो गद्दी जाते ही तुम्हे पुचकारने आ जायेंगे | समाज प्रशासन और राजनीति इन में सो कोई भी तुम्हारी मदद नहीं कर सकता इन समस्याओ के लिए क्योकि ये समस्याए उन्ही की पैदा की गई है , वो तुम्हारी रक्षा उससे क्या करेंगी , वो तुम्हे ही सुरक्षा के
नाम पर कैद कर जायेंगी | कुछ किया भी तो वो ज्यादा प्रभावी नहीं होगा , एक सड़क पर पुलिस बैठेगी तो गली नुक्कड़ पर छेड़ी जाओगी , हिम्मत करके हर छेड़ने वाले को सबक खुद सिखाओगी तो हर लफंगे में डर बैठेगा | अपनी रक्षा करने का आत्मविवास और हिम्मत आएगी तो एक सड़क एक गली नहीं हर जगह सुरक्षित रहोगी  और हमेशा रहोगी |

पूरा हो जाये एक चक्र ......
शायद अगले ही पल
दम घुट जाये और
सांसों से आजाद हो जाए
वो डगमगाती नन्ही सी बाती
और पूरा हो जाये एक चक्र ......

दुस्साहस
क्योंकि अगर सामने से भगाऊंगा तो मेरे नाम होगा और उन लड़कों की ऊपर महफ़िल जमी है।  वह लोग एक आध घंटे में यहाँ आएंगे।  तुम छिपी रहना और मैं खिड़की खुली छोड़ दूंगा जिससे वह समझेंगे की तुम खुद भाग गयी हो। "
"फिर काका आप को तो कुछ नहीं करेंगे ?"
"मेरी चिंता छोडो बेटी , ये गुजरी जिंदगी कितने पाप होते हुए देख चुकी है।अपनी बेटी तो न बचा सका। दूसरी बेटी की जिंदगी अब अपने हाथ से  बचा लूँ तो अहोभाग्य


धन्यवाद...

13 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर हलचल माँ के द्वारे ...
    आभार मुझे भी शामिल करने के लिए

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात भाई कुलदीप जी
    एक अच्छी प्रस्तुति
    माता आराधना में आजकल हर कोई व्यस्त है
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह भाई कुलदीप जी
    सटीक रचनाएं पढ़वाई आपने
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात।
    वाह !
    सुन्दर अंक भाई कुलदीप जी।
    नवरात्र उत्सव की धूमधाम के बीच ज्वलंत मुद्दे पर संकलित सामयिक सामग्री। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं। आभार सादर।

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय कुलदीप जी,
    बहुत सुंदर संकलन,बहुत अच्छी रचनाएँ है।
    सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ मेरी।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही शानदार अंक। सामयिक पीड़ाओं और समस्याओं के प्रति साहित्यकारों की महती भूमिका को दर्शाता, आवाज़ उठाता अंक। सभी चयनित रचनाकारों को बधाइयाँ एवम आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बहुत आभार ।ब्लॉग के प्रति कम होती रुचि को बढ़ाने के लिए सुंदर प्रयास आज भी जारी है ।

    जवाब देंहटाएं
  8. सुंदर संकलन
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई..
    आभार.

    जवाब देंहटाएं
  9. सार्थक सूत्र चयन .... और इसमें झरोखा को भी सम्मिलित करने के लिए आभार ......

    जवाब देंहटाएं
  10. मेरी पोस्ट चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं

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