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बुधवार, 20 सितंबर 2017

796..कौन हो तुम... कौन है हम..


।। ऊँ  सत्यम् ।।
शुभ भोर  महालया
(महालय का पर्व नवरात्र के प्रारंभ और पितृपक्ष के अंत का प्रतीक है. )

कौन हो तुम...
कौन है हम..
क्या फर्क पड़ता है..
हाँ.. कैसे हो तुम
किस हाल में है हम
इन विचारों, विवादों और विमर्शो से
 कहानियों,कविताओं में जरूर रंग भरता है..

ज्यादा समय नहीं लूंगी..इसलिए तो फिर बढ़तें है लिंकों की ओर मिलीजुली है
कुछ ज़ज्बातों,एतबारों की तनिक हास्य-व्यंग्य की थोड़ी थोड़ी सज़दे की
( यानी कि छोटा पैकट और बड़ा धमाल...)

रचनाकार अनिता जी की जाने कब वह घड़ी मिलेगी



खुला हुआ अविरल मन उपवन,
जब जी चाहे चरण धरो तुम
सदा गूंजती मृदु धुन अर्चन !

न अधैर्य से कंपतीं श्वासें
शुभ्र गगन से छाओ भीतर,

आदरणीय शशांक द्विवेदी जी की समसामयिक बिषय पर प्रस्तुति


न कौशल न विकास :क्या करें इस डिग्री-डिप्लोमा का
इसीलिए देश में इंजीनियरिंग का करियर तेजी सेआकर्षण खो रहा है
 देश के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अनुसार सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिक
 इंजीनियरिंग जैसे कोर सेक्टर के 92 प्रतिशत इंजीनियर और डिप्लोमाधारी रोजगार के लिए
 प्रशिक्षित नहीं हैं. इस सर्वे ने भारत में उच्च शिक्षा की शर्मनाक तस्वीर पेश की है ।
 यह आंकड़ा चिंता बढ़ाने वाला भी है, क्योंकि स्थिति साल दर साल खराब
 ही होती जा रही है ।देश में इंजीनियरिंग को नई सोच और दिशा देने वाले
 महान इंजीनियर भारत रत्न मोक्षगुण्डम् विश्वेश्वरैया 
की जयंती 15 सितम्बर को देश में इंजीनियरस डे 
या अभियंता दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
 मैसूर राज्य(वर्तमान कर्नाटक )के निर्माण
 में अहम भूमिका निभाने वाले मोक्षगुंडम..


पटना से सूरत, दिल्ली, पंजाब , मुंबई एक्सप्रेस का स्लीप
 डिब्बा खचाखच भरा हुआ। एक दूसरे से देह रगड़ा रहा है। दरबाजे पे भी
 हेंडल पकड़ कई लटके हुए है। बगल में पोस्टर सटा हुआ है। लटकला बेटा त गेला बेटा!
 वहीं किसी ने लिख दिया पूरा देश आज लटका हुआ है। देख लीजिए फेसबुक, ट्वीटर!!
उसी में किसी तरह मघ्घड़ चा भी लोड हो गए। उनका झोला तो बाहर ही रह गया। 
गनीमत की पॉकेट में टिकट रख लिए थे। अंदर देह से देह रगड़ खा रहा है। एक
 सूत जगह खाली नहीं। खैर बेटा सीरियस है एम्स में। कहीं और इलाज ही नहीं 
हो सका। जाना तो होगा ही।
छुकछुक छुकछुक, छुकछुक छुकछुक रेलगाड़ी चलती जा रही थी।


पंडित जो कि अपनी आजीविका मंदिरों में पूजा 
पाठ कर मिलने वाली दान दक्षिणा से ही चलाते रहे थे, उनका आदर सत्कार कर
 विभिन्न अवसरों पर भोजन की व्यवस्था समाज करता रहा...
अभी भी बहुत से पंडित ऐसे हैं जो सिर्फ मंदिरों में साफ सफाई पूजा पाठ कर
 अथवा विभिन्न #यजमानों के यहाँ पूजादि कर अपनी आजीविका चलाते हैं.
 क्या सिर्फ भोजन की व्यवस्था हो जाने से व्यक्ति की सभी  जरुरतें पूरी हो 
जाती हैं...शिक्षा, चिकित्सा, मनोरंजन , मकान आदि के लिए धन की 
आवश्यकता उन पंडितों को भी तो होती होगी कि नहीं...जिनके लिए
यह उनका कार्य है /#रोजगार है... हम इनकी बुराई तो खूब कर
 लेते हैं मगर यह नहीं सोचते कि हर व्यक्ति अपने 
रोजगार में ज्यादा से ज्यादा कमाना चाहता है....

आदरणीय पुष्पेन्द्र सिंह जी की चुनौती या मंजिलें

हिफाज़त में हमको उतरना भले हो
भले हम हो पंछी या इंसां कोई हम
अभी तक उड़ा हूँ उड़ा जाऊंगा मैं॥
अँधेरा अगर है तो है गलती किसकी
नहीं राह कोई खता बोलो किसकी
💭
आज की प्रस्तुति यहीं तक
ये बड़ा धमाल है या नहीं ये आप सभी पर छोड़ती हूँ,,
इति
धन्यवाद
पम्मी सिंह



18 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात पम्मी सखी
    मातारानी का आगमन प्रफुल्लित करता है मन को
    सुन्दर रचनाओं का संगम
    टॉयलेट..सरकार भी जागरूक है
    फिल्म भी बन गई इस विषय पर
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. ऊषा स्वस्ति।
    वाह पम्मी जी नए अंदाज़ में आज की प्रस्तुति।
    सुन्दर लिंकों का संकलन। विविधता से परिपूर्ण रचनाऐं। वृत -त्यौहार हमारी संस्कृति के विशिष्ट अंग हैं।
    सभी चयनित रचनाकारों को हमारी ओर से बधाई एवं शुभकामनाऐं।

    जवाब देंहटाएं
  3. सही में, आज के संकलन ने मन मोह लिया. महालय मुबारक!!!

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही उम्दा संकलन। शानदार और लाज़वाब प्रस्तुति।।।।।

    जवाब देंहटाएं
  5. लाजवाब, शानदार और दिल मे हलचल मचाने वाली हलचल प्रस्तुति. आदरणीय पम्मी जी साधुवाद. सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. शुभ प्रभात पम्मी जी,
    विविधतापूर्ण बहुत सुंदर लिंकों से सजी आज की मनभावन प्रस्तुति। लाज़वाब संयोजन।आपको भी नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  7. पठनीय सूत्रों से जोड़ती प्रस्तुति के लिए बधाई व आभार !

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय बहन पम्मी जी
    एक श्रेष्ठ प्रस्तुति
    साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  9. लाजवाब प्रस्तुतिकरण एवं उम्दा लिंक संकलन...
    नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं....

    जवाब देंहटाएं
  10. आदरणीया, पम्मी जी प्रणाम एक उत्कृष्ठ प्रस्तुति सार्थक विचारों व बेजोड़ रचनाओं से सजी आभार,"एकलव्य"

    जवाब देंहटाएं
  11. शुभ संध्या,,
    श्रेष्ठ संकलन
    आदर सहित

    जवाब देंहटाएं

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