इससे अच्छा कोई अभिवादन नहीं
चलिए देखते हैं आज क्या है...
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हरसिंगार... श्वेता सिन्हा
भोर किरण को छूकर चूमे
दूब के गीले छोर,
शापित देव न चरण चढ़े
व्यथित छलकती कोर,
रवि चंदा के मिलन पे बिछड़े
खिले है हरसिंगार।
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मित्रता... नूपुरम
तुमने मुझे
कुछ कम पाया
और जताया,
रंग तुम्हारे फीके हैं,
और कई जगह दरार है,
कुछ करो ।
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क्या एक बेटी को बचा नहीं सकते....ऋतु पंचाल
बहुत अत्याचार तुम्हारा सह चुकी,
जो कहना था वो मैं कह चुकी,
अब मुझे और न सताना,
मुझे दोबारा न पड़े, ये बताना।
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बस, यूँ ही....मीना शर्मा
एक दीपक रात भर जलता रहा,
तमस की तकदीर फूटी, बस यूँ ही !!!
राह तक पापा की, बिटिया सो गई,
रोई-रोई, रूठी-रूठी, बस यूँ ही !!!
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कहानी है मेरी पड़ोसन की....... सुधा सिंह
कहने लगा मुझसे-
आप अपने काम से काम रखो
आप जब घंटों लगी रहती हो फोन पे
अपनी सखियों के संग
तो क्या मैंने कभी डाला है
आपके रंग में भंग
आप कौनसा दादी की बात सुनती हो
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चुप सो जा मेरे मन ...... सुधा देवरानी
रात छाई है घनी ......
पर कल सुबह होनी नयी,
कर बन्द आँखें , सब्र रख तू ;
मत रो ,मुझे न यूँ सता.......
चुप सो जा.......
मेरे मन.......
चुप सो जा.....!!!
आज बस
कहते हैं न, कापी किसी की..
और लिखे कोई और..
ये पन्ना श्रीमान जी ने खोला था
दो रचनाओं के लिंक रखे थे..
किसी क्लाईन्ट का फोन आया
उन्हें बिलासपुर जाना पड़ा..
कह गए देख लेना...
सो देख ली उन्हें...
य़शोदा ..
सुप्रभात।
जवाब देंहटाएंविविधापूर्ण भावों का गुलदस्ता है आज का अंक।
बधाई आदरणीया बहन जी।
ध्रुव जी की याद अवश्य आयी ,वे भूमिका में तूफ़ान-सी हलचल पैदा करते हैं अपने ओजस्वी लेखन से।
बहरहाल आज सुधि पाठकों को मिला एक और बेहतरीन अंक।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
आभार सादर।
शुभप्रभात दी:),
जवाब देंहटाएंएक और सुंदर अंक का प्रस्तुतिकरण आपके द्वारा,सभी रचनाएँ बेहद अच्छी है।
मेरी रचना को मान देने के लिए अति आभार दी।
कह गए देख लेना...
जवाब देंहटाएंसो देख ली उन्हें........ बहुत बढ़िया देखा . आभार और बधाई, सुन्दर रचना एवं रचनाकारों के साथ!
शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंएक बेहतरीन संयोजन..
आभारी रहूँगी सदा
आदर सहित
बहुत ही उम्दा अंक। ख़ूब लुभाया। सभी रचनाकारों को बधाइयां एवम शुभेक्षायें
जवाब देंहटाएंपास फेल ना करिये चलते रहिये बहुत उम्दा ।
जवाब देंहटाएंसफर रुकना नहीं चाहिये....
जवाब देंहटाएंबहुत सुदंर आभार।
बहुत बढिया संकलन..
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई
आभार।
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन.....
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद....
सादर आभार...
आप सभी को सपरिवार शुभ पर्व की मंगलकामनाएं
जवाब देंहटाएंअत्यंत आभारी हूँ यशोदा दीदी । मेरी रचना की पंक्ति को शीर्षक पर पाकर सुखद आश्चर्य हुआ । ईश्वर करे आपके द्वारा प्रज्जवलित यह हलचल का दीपक हिंदी साहित्य की सभी विधाओं का प्रकाश यूँ ही फैलाता रहे चिरकाल तक....
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई ।