पाँच लिंकों का आनन्द
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
निवेदन।
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शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025
4406...फिर से एक नया जीवन..
गुरुवार, 20 फ़रवरी 2025
4405..प्रेम क्या है.. कौन करे परिभाषित इसको
सादर अभिवादन
बुधवार, 19 फ़रवरी 2025
4404..धूप गिरी गवाक्ष से..
।।प्रातःवंदन। ।
सुबह उठा तो ऐसा लगा कि शरद आ गया,
आँखों को नीला-नीला आकाश भा गया,
धूप गिरी ऐसे गवाक्ष से
जैसे काँप गया हो शीशा
मेरे रोम-रोम ने तुम को
पता नहीं क्यों बहुत असीसा,
शरद तुम्हारे खेतों में सोना बरसाए,
छज्जों पर लौकियाँ चढ़ाए !
केदारनाथ स
बुधवारिय प्रस्तुतिकरण में शामिल हुए रचनाए आप सभी के समक्ष..अथ सीसीटीवी कथा
कई चीजें जीवन में घटनाओं के जरिए आती है, ऐसी ही एक चीज है- सीसीटीवी कैमरा! बीते 8 फ़रवरी को शहर पूर्णिया वाले मेरे घर में चोरों ने ढंग से उत्पात मचाया। और इसी बदरंग घटना की वज़ह से सीसीटीवी कैमरे का जाल अपने घर आया!
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बिन शब्दों का कभी भी
वाक्य विस्तार नहीं होता
जैसे बिन खेवनहार के
भव सागर पार नहीं होता
मूर्ख लोग ईर्ष्यावश दुःख मोल ले लेते हैं।
द्वेष फैलाने वाले के दांत छिपे रहते हैं।।
ईर्ष्यालु व्यक्ति दूसरों की सुख सम्पत्ति देख दुबला होता है।
कीचड़ में फँसा इंसान दूसरे को भी उसी में खींचता है।।
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कुछ स्त्रियाँ
कभी नहीं लौटतीं मायके
जब भी वापसी का कदम उठाती हैं
उनकी स्मृतियों में कौंध उठता है
माँ का बेबस चेहरा
पिता की घृणा और तिरस्कार
वे बढ़े हुये कदमों को लेती हैं समेट
अपने भीतर खोल में कछुए की तरह ।
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।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️
मंगलवार, 18 फ़रवरी 2025
4403... धरती की खीझ
आपसभी का स्नेहिल अभिवादन।
मनुष्य अगर प्रकृति के तमाम गुणों को समझकर आत्मसात कर लें तो अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव कर सकता है। दरअसल प्रकृति हमें कई महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाती है। जैसे- पतझड़ का मतलब पेड़ का अंत नहीं है।
दिन ढलने का अर्थ सिर्फ़ अंधकार नहीं होता प्रकृति जीवन को नवीन दृष्टिकोण प्रदान करती है जरूरत है उसके संदेश को समझने की।
भीतर अंतहीन गहराई है
जो नहीं भरी जा सकती
किसी भी शै से
इसी कोशिश में
कुछ न कुछ पकड़ लेता है मन
और जिसे पकड़ता
वह जकड़ लेता है
प्रेम हास्य चाहता है
प्रेम विश्वास चाहता है
अविश्वास नहीं
प्रेम साथ चाहता है
तन्हाइयां नहीं
प्रेम मौन होता है
मिलते हैं अगले अंक में।
सोमवार, 17 फ़रवरी 2025
4402 ....नंगाड़ों की आवाज के साथ फाग चालू आहे
सादर अभिवादन
रविवार, 16 फ़रवरी 2025
4401...गुलाब के सम्मोहन में फंसा प्रेम
सादर अभिवादन
छोटी है न फरवरी
अपने आप मे बड़ी
पर पूरे ग्यारह महीने के मुकाबले
छोटी ही कहलाएगी न
शनिवार, 15 फ़रवरी 2025
4400 ..कल संत वैलेंटाइन की पुण्य तिथी थी
सादर अभिवादन