कभी कोई दिन ऐसा भी आयेगा;
आपकी, हम सब की
अति प्रिय यशोदा दी के लिए
शोक संदेश लिखना होगा।
टाइप करते उंगलियॉं कॉंप रही है,
यशोदा दी की पवित्र आत्मा
२० जनवरी को
परमात्मा में सदा के लिए लीन हो गयी।
हमारे पांच लिंक परिवार ने अपनी
जननी को हमेशा के लिए खो दिया।
आदरणीया यशोदा अग्रवाल जी
किसी परिचय का मोहताज़ नहीं।
पाँच लिंक का बीजारोपण करने वाली
स्नेही, सहृदय,पारखी दृष्टि और धैर्य की मूर्ति
हमारी यशोदा दी।
ब्लॉगजगत में साहित्यिक अभिरुचि रखने वाली, स्वयं का परिचय एक पाठक के रुप में देती,
सबसे चिरपरिचित चेहरा यशोदा दी।
कैंसर जैसी अत्यंत कष्टदायक
बीमारी से जूझते हुए,
जीवन के संघर्षों का जीवटता से सामना करती रही हैं।
साहित्य के सागर से बेशकीमती मोती चुनकर उनको
प्रोत्साहित करती हुई सच्ची साहित्य साधना में
लीन रहीं तमाम उम्र।
सुगढ़ प्रस्तुति में सदैव नया का प्रयास करती,
रचनाकारों का खुले हृदय से स्वागत करती हमारी
यशोदा दी अब सदा के लिए स्मृतियों की सुगंध
बन गयीं।
चिट्ठाजगत को जीवंत रखने वाली
यशोदा दी का जाना अपूर्णीय क्षति है।
चिट्ठाजगत उनका विशेष योगदान
कभी नहीं भुला पायेगा।
मन उद्विग्न है और क्या लिखे शेष फिर कभी।
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प्रिय यशोदा दी के लिए उनके कुछ साथियों ने
संदेश प्रेषित किया है।
आदरणीया पम्मी सिंह "तृप्ति"
यह जानकर मुझे बहुत दुख हो रहा है यशोदा अग्रवाल (दी) जी संसार को परित्याग कर पंचतत्व में विलीन हो गई।
उनके के जाने से ब्लोग जगत में जो रिक्तता बनी है, उसे शब्दों में व्यक्त करना कठिन है। दस सालो का साथ , हर दिन कुछ लिखने,प्रस्तुतिकरण लिए प्रेरित करते शब्द अनायास ही चुप हो गई। उनकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को धैर्य व संबल प्रदान करें।
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आदरणीय रवीन्द्र जी
इस दुख की घड़ी में मन से हमारे साथ हैं।
वे पारिवारिक शोक कार्य में है।
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आदरणीय सुशील सर
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आदरणीया संगीता स्वरूप दी
आज श्वेता के संदेश द्वारा दुखद समाचार मिला कि प्रिय यशोदा अब हमारे बीच नहीं रही । हंलांकि काफी समय से स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रही थी लेकिन अपनी इच्छाशक्ति से वक़्त को मात देने में सफल थी । जहाँ तक मैंने उसके बारे में जाना और समझा है वो बहुत मेहनती और लगन की पक्की थी । ये उसका ही प्रयास रहा जो हलचल का ब्लॉग पांच लिंकों का आनंद अभी तक आप तक पहुँचता रहा ।
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे और परिवार को ये दुःख सहने की क्षमता दे । ॐ शांति ॐ । 🙏🏻🙏🏻
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आदरणीया विभा रानी श्रीवास्तव
क्रूर काल किसी को रहने नहीं देगा -लेकिन किसी को अकाल ले जाता है तो कुछ कहने योग्य नहीं छोड़ता है यशोदा दिग्विजय अग्रवाल (छोटी बहना) का कल रात छीन लेना तेरा क्रूरतम निर्णय रहा
कभी दीदी कभी माँ कह जाती थीं -बेहद प्यार सम्मान करती भी थीं-ब्लॉग जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है उनका उपकार साहित्य जगत सदैव याद रखेगा
ब्लॉगर संगी फेसबुक साथी
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आदरणीय विश्वमोहन जी
यशोदा जी नहीं रहीं। अंदर से कंपा देने वाला अत्यंत दुखद समाचार। हम भावनात्मक रूप से अपने को इतना सबल और सक्षम नहीं पा रहे कि कुछ बोल सकें। मन मलिन है। सर चकरा रहा है। आंखे निर्निमेष और आर्द्र हैं। दृष्टिपथ धूमिल है। विचार - तंत्रिकाएं सन्निपात- सी शिथिल हैं। हमें यश देनेवाली, यशोदा अब हमारी स्मृतियों की धरोहर बन गई। सुर धाम को वह अब शांति प्रदान करें और हमें आशीष! 🙏🏻🌹🙏🏻
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आदरणीया मीना भारद्वाज जी
ब्लॉग जगत ने एक संवेदनशील स्वर, एक मौन विचारक और एक सहज लेखिका को खो दिया है ।ब्लॉग जगत की प्रिय यशोदा दी नहीं रहीं ।
इस दुखद घटना जिस पर हृदय को यकीन ही नहीं है कि ऐसा कैसे संभव है ?लग रहा है अभी पाँच लिंकों का स्तंभ पर जाऊँगी और उनकी लगाई प्रस्तुति पढ़ने को मिलेगी । कोई पोस्ट अपने ब्लॉग पर पोस्ट करूँगी और उनका आमन्त्रण होगा -“आपकी यह रचना कल पाँच लिंकों का आनन्द में सम्मिलित की जाएगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं ।”
वे न केवल शब्दों की शिल्पी थी बल्कि मानवीय भावनाओं की मर्मज्ञ और कुशल चितेरी भी थीं ।उनका जाना, सिर्फ एक जीवन का अंत नहीं, बल्कि ब्लॉग जगत के एक युग के अनुभवों का विराम है।
मैं श्रद्धा और संवेदना के साथ उन्हें नमन करती हूँ और अश्रुपूरित हृदय से ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान कर अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिजनों के साथ पाँच लिंकों का आनन्द परिवार को दुःख सहने की शक्ति दें 🙏
शब्द मौन हैं .., दुःखी हृदय से आदरणीया यशोदा जी को अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏
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आदरणीया रेणु दी
ये ह्रदय विदारक सन्देश मिला!
बहुत दुःख हुआ जिसको शब्दों में
लिखना सम्भव नहीं!
ये ब्लॉग जगत भी हमारा दूसरा
परिवार बन चूका है! प्रभु उनकी
आत्मा को शान्ति प्रदान करे!🙏
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आइए हम सब मिलकर
प्रार्थना करें।
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ह्रदय विदारक, नमन 🙏
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