सादर अभिवादन
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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सोमवार, 1 दिसंबर 2025
4588 ...केवल ऊंचाई ही काफ़ी नहीं होती
6 टिप्पणियां:
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बहुत सुंदर 😃
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अंक
जवाब देंहटाएंजी ! .. सुप्रभातम् सह सादर नमन संग आभार आपका ...🙏
जवाब देंहटाएंआपकी भूमिका पर असहमति जताने के लिए अग्रिम क्षमप्रार्थी होते हुए - पहाड़ हमारे परिवेश का ही हिस्सा तो है। अकेला भी नहीं होता, वो तो जंगल, वृक्षों, पशु, पक्षियों, बादल, बर्फ़, झरनों के साथ -साथ आस्तिकों के अधिकांश धामों को अपने आग़ोश में समेटे हुए .. लाखों लोगों की भीड़ को एकत्रित करने की मादा रख कर हमेशा आबाद भी तो रहता है .. शायद ...😐🙄🤔
व्वाहहहह
जवाब देंहटाएंशानदार
आभार
वंदन
सुप्रभात! शायद पहाड़ के बहाने बात उस व्यक्ति की है जो शीर्ष पर पहुँच कर अकेला रहा जाए, सुंदर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
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