आपसभी का स्नेहिल अभिवादन।
आशा लता सक्सेना जी को पाँच लिंक परिवार सादर
श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है।
आशा जी का नाम चिट्ठाजगत में किसी पहचान का मोहताज नहीं। 2009 से निरंतर सक्रिय आशा जी प्रतिदिन एक रचना लिखती थी,
वे अनगिनत पुस्तक साहित्यिक वसीयत के रूप में छोड़ गयीं हैं। उनकी सरल,सहज शब्दों में दैनिक जीवन के अनुभवों को पिरोकर रचनाओं का रूप देने की कला अपने आप में अनूठी थी।
किसी से बिना मिले भी उनसे परिचित होने का जादुई एहसास तब और भी गहरा हो जाता है जब उनसे मिल पाने की सदा के लिए आस टूट जाती है। इस आभासी परिवार का एक बुजर्ग सदस्य हमें सदा के लिए
अलविदा कह गया । अनुभवों का एक वटवृक्ष आज अपनी रचनाओं का बेशकीमती पिटारा पीढ़ियों को सौंप कर चिरनिद्रा में सो गया।
मन व्यथित है। बहुत अजीब सा खालीपन महसूस हो रहा।
यशोदा दी,दिग्विजय सर हमेशा आशा जी को
आशा मौसी कहते थे ; रवींद्र जी की प्रस्तुति तो उनकी रचना लगाये बिना कभी पूरी ही नहीं होती थी।
पाँच लिंक मंच असंख्य बार जिनकी रचनात्मकता से
सज्ज हुआ है जिनकी प्रतिक्रिया खुशी दे जाती थी
आज हमें अपनी सुखद स्मृतियों के साथ सदा के लिए
छोड़ गयीं।
प्याले सा दिखाई देता है
लगता है चाय छान लूं उसमें
अधरों से लगालूँ उसको |
कई टहनियाँ काट कर
ईंधन बनाया उन्हें जलाया
जब भी कोई उसे देखता
सब नश्वर है यही सोचता |
जानने को अति उत्सुक होना
कहाँ हुई चूक मुझे समझाना
कहीं बाधा तो न आएगी कार्य सिद्धि में |
मुझे यह भी समझाना
मिलते हैं अगले अंक में।


इस अनमोल अंक के लिए आभार
जवाब देंहटाएंसादर
वंदन
बहुत सुंदर अंक 🙏 सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंजी सर,आपसे विनम्र निवेदन है कृपया आप पहले अंक पढ़ लीजिए फिर लिखिएगा🙏
हटाएंआदरणीय आशा मौसी जी की कमी हमें हमेंशा खलती रहेगी , जो साहित्य विरासत हमारे लिए छोड़ कर गई हैं वो हमारे लिए अनमोल है । ओम शांति 🙏🙏
जवाब देंहटाएंनमन और श्रद्धांजलि |
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंWelcome to my blog
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंWelcome to my blog
सादर श्रद्धांजलि 🙏🙏
जवाब देंहटाएंसादर श्रद्धांजलि 🙏
जवाब देंहटाएंनमन
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि।
पलकें भिगोता अंक 🙏
सादर
आज तो आपने बहुत ही भावुक कर दिया श्वेता जी ! मन विचलित भी है. व्यथित भी है और गर्वित भी है ! मेरी दीदी को समर्पित आज का यह अंक मन को छू गया ! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार सखी ! मेरी दीदी को इस तरह से याद करने के लिए और इस तरह से भाव भीनी श्रद्धांजली अर्पित करने के लिए आप सभी का हृदय से धन्यवाद ! मेरे तो सर से आसमान और पैरों के नीचे से धरती दोनों ही प्रभु ने खींच लिए हैं ! उनके बिना जीवन कैसा होगा यह कल्पना करना ही असंभव है ! प्रभु उन्हें अपनी शरण में लेकर उनके कष्टों का अंत करें यही प्रार्थना है !
जवाब देंहटाएंप्रिय श्वेता, ब्लॉग जगत की शांत और सौम्य शब्द साधिका आदरणीय आशा जी की पुण्य स्मृति को समर्पित ये ह्रदयस्पर्शी अंक आँखे नम कर गया! उनका अचानक प्रयाण स्तब्ध और भावुक कर गया! फेसबुक पर बहुत दिनों से आशा जी अपनी अस्वस्थता की तस्वीरे शेयर कर रही थी! पर उनमें उनकी सरल, सहज़ जीवंत मुस्कान से कभी भी ये आभास नहीं हो पाया कि उनका जाना इतने नजदीक हैं! हर दिन एक रचना ब्लॉग पर पोस्ट करने वाली आशा जी ने शायद ही कोई विषय छोड़ा हो जिस पर वो न लिख पाई हों! अपने सहज़ भावों की गति को उन्होंने कभी रोका नहीं! और अपनी आखिरी सांस तक अपने रचना कर्म मे लीन रही! उनका सूना ब्लॉग आज देखा तो अनायास मन भर आया और नज़र उनकी आखिरी पोस्ट पर जा टिकी जिसे लगाते समय उन्होंने सोचा भी ना होगा कि वे इसके बाद ब्लॉग पर लिख ना पाएंगी! फिर भी संसार रैन बसेरा हैं! सभी का अंतिम दिवस तय हैं! पर अपनी कल्पना के संसार की इतनी वडी विरासत भावी साहित्य प्रेमियों के लिए सौप कर जाना कोई छोटी बात नहीं! तुम्हारी सारगर्भित भावभीनी भूमिका सब कह गई!
जवाब देंहटाएंपांच लिंक के मंच पर उनको याद करना मात्र एक औचरिकता नहीं हैं उनके प्रति एक सादर भावांजलि है! तुम्हारे शब्दों में हम सब की भावनाएं भी समाहित हैं
हमारे ब्लॉग परिवार की गुणी और
प्यारी आशा जी को विनम्र अश्रुपूरित नमन😥! उनके शब्द हमेशा उनके विचारों और काव्य क्षमता के सदा साक्षी रहेंगे! उनका शब्दकोष काव्य रसिकों के लिए प्रेरणा बन कर रहेंगा! वे अपनी भावनाओं का विस्तार उनमें पाएंगे! पुनः नमन आशा जी! ईश्वर आपको अपने चरणों में स्थान दे और समस्त परिवारजनों को ये आघात सहने की शक्ति दे!
🙏🙏😟
तुम ना जाते तो अच्छा था
जवाब देंहटाएंसब कह -सुन जाते तो अच्छा था!
मिलना फिर जुदा होना
ये कैसी रीत रही जग की
विदा की पीर अनंत जिनमें
ना मिलते वो नाते अच्छा था!
तुम ना जाते तो अच्छा था!
विदा आशा जी 🙏🙏😟
आशा जी को याद करते हुए आज ये अंक लगाने के लिए साधुवाद । उनकी निरन्तर रचना यात्रा की साक्षी रही हूँ । उनको मेरी भाव भीनी श्रद्धांजलि 🙏🏻🙏🏻 .
जवाब देंहटाएंबहुत दुखद !
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि🙏
भगवान आपको अपने श्रीचरणों मे स्थान दे।
'आशा' की अब आस नहीं,
जवाब देंहटाएंइह लोक निवास नहीं।
हमसे नाता तोड़ गयीं वह,
तत्व गीत यह छोड़ गयीं वह।
चला पथिक, पथ परम सत्य के,
जीव-जगत का सार तथ्य ये!
छूटी माया, टूटी भ्रांति,
ॐ शांति, ॐ शांति।
इस भाव प्रवण अंक के माध्यम से भावभीनी श्रद्धांजली!!!
आशा जी की रचनाएं मै हमेशा पढ़ती थी। हमारे ब्लॉग परिवार की गुणी और
जवाब देंहटाएंप्यारी आशा जी को विनम्र अश्रुपूरित नमन😥! ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों मे स्थान दे।
हमारी विनम्र श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंआदरणीया आशा जी का दूसरी दुनिया के सफ़र पर चले जाना ब्लॉग जगत को एक अपूरणीय क्षति के रूप में स्तब्ध कर गया। जीवन के विभिन्न पहलुओं पर उनका दूरदर्शी स्पष्ट नज़रिया उनकी रचनाओं के माध्यम से पाठकों के समक्ष आता रहा ,अब यह ख़ालीपन विचलित करनेवाला है। उनकी रचनात्मक सक्रियता निस्संदेह हमें प्रभावित करती रही है। श्वेता जी ने उनकी स्मृति को विशिष्ट बनाने हेतु उनके व्यक्तित्त्व और कृतित्त्व की भावनात्मक झलक प्रस्तुत की है।
विनम्र श्रद्धांजलि🙏
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंआदरणीय आशा दीदी का जाना निश्चित ही ब्लॉग और साहित्यजगत की अपूरणीय क्षति है।
जवाब देंहटाएंजिस प्रकार श्वेता जी ने उनकी रचनाओं को प्रस्तुत करते हुए उन्हें याद किया है, वह दिल को छू गया। हम सभी को आशा दीदी की रचनाओं को पढ़ने का सौभाग्य ब्लॉग के माध्यम से मिला, वह आजीवन स्मरणीय रहेगा, उनके लेखन की निरंतरता और सजगता हम सभी को उनके सृजन से जोड़ती रही, ब्लॉग पर प्रकाशित उनकी रचनाएँ हमें उनकी याद दिलाती रहेंगी।
उन्हें ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें, उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि🙏🏻🙏🏻