आपसभी का स्नेहिल अभिवादन।
आज की रचनाएं
अमृत पथ पर
कंटक रोक न लें
पाहन बाधा न बनें
ज़िन्दगी
का सफ़र
हमेशा
की तरह पुरअसरार रहा, अपनी अपनी
ज़रूरत के तहत साथ चलने का
इक़रार रहा । एक आस्तीं
में इश्क़ तो दूजे में
इंतक़ाम छुपा
रखे थे लोग,
एक रात इसी नीम के वृक्ष पर भयानक बिजली गिरी! बिजली इतनी शक्तिशाली थी कि घना वृक्ष दो भागों में बँट गया। एक हिस्सा तो जमीन पर धराशायी हो बिछ गया, दूसरा हिस्सा जड़ें पकड़ कर खड़ा रहा। दूसरी सुबह प्रातः भ्रमण के समय मैने एक हिस्से को धरती पर बिखरा पाया तो देखते ही समझ गया, कल रात इस पर बिजली गिरी है। बीच में तोते के जोड़े का घोंसला या तोते का जोड़ा कहीं नजर नहीं आया। बहुत ढूँढा, कहीं नजर नहीं आया। इसी तोते के जोड़े को ढूंढने के प्रयास में बगल की शाख पर बैठा यह उल्लू का जोड़ा दिख गया!
समुद्र-तट को साफ सुथरा रखने के लिये यह बड़ी प्रेरक पहल है। बीच पर उतरने से पहले एक खुला क्लब , स्वीमिंग पूल और रेस्टोरेंट है जहाँ आराम कुर्सियों पर अर्धनग्न लेटे विदेशी पर्यटक , कनफोड़ शोर करते ड्रम के साथ पाश्चात्य संगीत और तली जा रही मछली की गन्ध आपका स्वागत करती है । मेरे जैसे लोगों के लिये एकमात्र यही अप्रिय अनुभव था लेकिन तट पर पहुँचते ही सारी क्लान्ति विलीन होगई ।
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मिलते हैं अगले अंक में।






सुप्रभात! नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर सभी को शुभकामनाएँ ! सराहनीय रचनाओं से सजा अंक, आभार श्वेता जी !
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति। नवरात्र की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंआज की प्रस्तुति बहुत ही सुन्दर ! आज के संकलन में मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए श्वेता जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार ! देवी माँ का वरद हस्त सभी पर बना रहे ! सप्रेम वन्दे !
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